खबरिस्तान नेटवर्क: त्रिपुरा के नाम एक ऐतिहासिक उपलब्धि हुई है। राज्य को ULLAS नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्ण साक्षर राज्य घोषित कर दिया गया है। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के द्वारा 2022 से 27 तक चलाया जा रहा है। त्रिपुरा अब मिजोरम और गोवा के बाद देश का तीसरा राज्य बन गया है जिसको यह सम्मान मिला है। इस मौके पर एक भव्य कार्यक्रम त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित रवींद्र शताब्दी भवन में आयोजित किया गया। इसमें त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो.माणिक साहा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सीनियर अधिकारी राज्य शिक्षा विभाग और समुदाय के प्रतिनिधि मौजूद रहें।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कही ये बात
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने इस उपलब्धि को त्रिपुरा के लिए ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि 1961 में राज्य की साक्षरता का दर सिर्फ 20.24% थी जो कि अब बढ़कर 95.6% हो चुकी है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय ULLAS योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को दिया है। आपको बता दें कि ULLAS योजना का उद्देश्य सिर्फ 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के उन लोगों को साक्षर बनाना है, जो कभी स्कूल नहीं जा सके। इस योजना के तहत त्रिपुरा में घर-घर सर्वेक्षण और ULLAS मोबाइल ऐप के जरिए डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है।
पीएम मोदी के विजन को साकार करती है सफलता
इस उपलब्धि में हजारों स्वयंसेवक शिक्षकों, शिक्षार्थियों, नेताओं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अहम योगदान है। यह सफलता विकसित भारत @2047 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को भी साकार करेगी। यह कार्यक्रम दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक मॉडल के रूप में सामने आया है। त्रिपुरा की यह उपलब्धि भारत को पूर्ण साक्षर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम होगी।
त्रिपुरा ने शुरु किया काम
त्रिपुरा ने इस नए कदम से यह दिखा दिया है कि यदि सरकार, शिक्षक और जनता मिलकर संकल्प लेती है तो कोई भी राज्य शिक्षा के शिखर को छू सकता है। यह उपलब्धि सिर्फ त्रिपुरा की ही नहीं, बल्कि एक विकसित और सशक्त भारत की नींव है। ULLAS योजना के ज़रिए आने वाले समय में जब पूरा भारत पूर्ण साक्षर बनेगा, तब इतिहास याद करेगा कि त्रिपुरा ने सबसे पहले यह परचम लहराया था