कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक फैसले पर भारतीय स्टूडेंट्स पर भारी असर पड़ने वाला है। दरअसल चुनावों से पहले ट्रूडो ने कनाडा में अस्थाई नौकरियों की गिनती कम करने का ऐलान किया है। जिससे कनाडा में नौकरी का सपना देख रहे भारतीय लोगों को काफी बड़ा झटका लगा है।
ट्रूडो ने एक्स पर दी जानकारी
जस्टिन ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि लेबर मार्किट बदल गई है। कनाडा कम सैलरी वाले अस्थाई विदेशी कर्मचारियों की गिनती घटाने जा रहा है। अब कनेडियन कारोबारियों के लिए स्थानीय कर्मचारियों और नौजवानों में निवेश करने का समय आ गया है।
ट्रूडो ने आगे लगा लिखा कि देश के इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने हाल ही में कहा है कि इमीग्रेशन नियमों को कनाडा के लिए अनुकूल बनाया जाना चाहिए। क्योंकि देश में लगातार नौकरियां कम होती जा रही है। हम इसके लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं।
एक साल का मिलेगा वर्क परमिट
नए नियमों के तहत कम सैलरी वाली नौकरियों के लिए परमिट दो साल से घटाकर सिर्फ एक साल कर दिया गया है। इसके अलावा कृषि, स्वास्थ्य सेवा और निर्माण जगहों को छूट दी गई है। विदेशी कर्मचारियों को अब 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी ही हिस्सेदारी दी जाएगी।