कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन की 2018 की भारत यात्रा को लेकर 6 साल बाद बड़ा खुलासा हुआ है। वह पंजाब के अमृतसर जा रहे थे। तब उन्हें बताया गया कि जब तक पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नहीं मिलेंगे उनके विमान को उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कनाडाई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रूडो और सज्जन कैप्टन अमरिंदर से मिलने से बचने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उन्होंने कैप्टन के पिता को विश्व सिख संगठन (WSO) के साथ उनके जुड़ाव के लिए आतंकवादी कहा था।
सिख कट्टरपंथियों के नाम वाला डोजियर सौंपा था
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो हरदीप सिंह निज्जर सहित कनाडा में खालिस्तानियों के बारे में चिंताओं पर चर्चा करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने के लिए सहमत हुए। बैठक के दौरान कैप्टन ने ट्रूडो और हरजीत सजजन को एक डोजियर सौंपा था। जिसमें लगभग 10 सिख कट्टरपंथियों के नाम की लिस्ट थी जन्हें वे चाहते थे कि कनाडा निर्वासित करे या उन पर लगाम लगाए।
कनाडाई अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे लिस्ट की समीक्षा करेंगे, लेकिन दोहराया कि कनाडाई कानून सिर्फ नई दिल्ली द्वारा नापसंद किए गए विचारों के आधार पर गिरफ्तारी की अनुमति नहीं देता है, जिससे भारतीय अधिकारी नाराज हैं, खासकर बाहरी मामलों में।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि मंत्री सज्जन ने कनाडा के स्वतंत्र पुलिस बलों और खुफिया सेवाओं में विश्वास बनाए रखने के महत्व को दोहराया, कनाडा के लोगों के शांतिपूर्ण तरीके से अपने विचार व्यक्त करने के लोकतांत्रिक अधिकार को बताया। उप प्रधान मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सीपीएसी साक्षात्कार में इसी तरह की भावनाओं को दोहराया, सभी कनाडाई लोगों, विशेष रूप से सिख समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
निज्जर की हत्या के संबंध में सिखों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की
उन्होंने भारत द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 2023 की हत्या के संबंध में हाल ही में हुई गिरफ्तारियों को स्वीकार किया और कनाडाई सिखों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की। भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव की वजह ट्रूडो द्वारा 2023 में लगाया गया यह आरोप है कि निज्जर की हत्या के लिए भारतीय सरकारी एजेंट जिम्मेदार हैं। भारत ने इन आरोपों का खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया है।
इसी संबंध में निज्जर हत्या में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था जब वे वीडियो के जरिए पहली अदालत में पेश हुए। वहीं सिख समुदाय सरे शहर की अदालत के बाहर इकट्ठा हुए और भारत सरका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उस पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। अदालती कार्यवाही जारी है जिसमें कुछ लोगों को मई में फिर से पेश होना है।