ख़बरिस्तान नेटवर्क, चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करीबी रहे भरत इंदर सिंह चहल की आय से ज्यादा संपत्ति होने के कारण विजिलेंस ने उनके घर रेड की थी। इसी के साथ उन्हें भगोड़ा घोषित करने की तैयारी में थी। लेकिन चहल को कोर्ट से बड़ी राहल मिली है। बता दें कोर्ट ने चहल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है। एक दिन पहले ही चहल पर हो रही कार्रवाई पर कोर्ट ने पंजाब पुलिस से जवाब मांगा था।
विजिलेंस से मांगा था जवाब
भरत इंदर सिंह चहल की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को सरकार को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विजिलेंस ब्यूरो पंजाब को इस मुद्दे पर बुधवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।
कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने चहल की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है। 23 अगस्त को पटियाला की एक स्थानीय अदालत की तरफ से अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद चहल ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। वहीं जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि चहल जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
जांच एजेंसी दर्ज मामले की सही जांच के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। अग्रिम जमानत की मांग करते हुए 75 साल के चहल ने अपनी याचिका में राजनीतिक बदला और जांच एजेंसी पर आय और व्यय की गलत गणना का आरोप लगाया।