पुर्तगाल में लिस्बन की संसद के बाहर हज़ारों प्रवासियों ने अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए बड़ा रोष प्रदर्शन किया। दरअसल, पुर्तगाल की नई सरकार ने लगभग 4 लाख विदेशी नागरिकों को देश से निकालने का आदेश जारी किया है, जिनमें करीब 14 हज़ार भारतीय भी शामिल हैं।
कई प्रवासियों को हिरासत में लेकर जेल में भी बंद किया
सरकार ने कई प्रवासियों को हिरासत में लेकर जेल में भी बंद कर दिया है, जिनमें 10-12 भारतीय भी शामिल हैं। जबकि अधिकांश प्रवासी कानूनी तौर पर पुर्तगाल में रह रहे हैं, टैक्स भर रहे हैं और सरकारी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। इसके बावजूद नई सरकार उन्हें जबरन देश से निकालना चाहती है।
कानूनी तौर पर रह रहे लोगों को बाहर निकालने की साजिश
रोष प्रदर्शन में प्रवासियों ने आरोप लगाया कि सरकार नए नियम लागू कर कानूनी तौर पर रह रहे लोगों को बाहर निकालने की साजिश कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक समस्या का हल नहीं निकलता, वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे।
प्रभावित भारतीयों ने सरकार से लगई गुहार
पंजाब से भी हज़ारों युवा पुर्तगाल में रह रहे हैं, जो पिछले 5-6 साल से टैक्स भरते आ रहे हैं। प्रभावित भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ईमेल के ज़रिए गुहार लगाई है कि वे पुर्तगाल सरकार के सामने यह मुद्दा उठाएं।
इस विरोध को तेज़ करने में फ्रांस से कुलविंदर सिंह, स्पेन से अमरीक सिंह, यादविंदर सिंह और निंजा हुंदल ने प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने प्रवासियों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए डटकर खड़े हों ताकि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़े।