Snooker is a game famous all over the world : दुनियाभर में अलग-अलग खेलों के प्रेमी हैं। ऐसे ही दुनियाभर में फेमस एक खेल स्नूकर है। आज अधिकांश युवा पीढ़ी को स्नूकर खेलना पसंद है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खेल की शुरूआत कहां से हुई थी और इसका नाम स्नूकर कैसे पड़ा था? जानकारी के मुताबिक विश्व प्रसिद्ध स्नूकर गेम की शुरुआत जबलपुर के नर्मदा क्लब से हुई थी इसलिए जबलपुर को स्नूकर गेम का जनक भी कहा जाता है। इसका इतिहास 17वीं शताब्दी का है। हालांकि 17 वीं शताब्दी के समय जबलपुर को अंग्रेज जब्बलपोर नाम से पुकारते थे। इस खेल को अंग्रेजों ने पहली बार यहीं खेला था। चैंबर्लिन ने बिलियर्ड्स गेम की तरह ही स्नूकर के भी नियम बनाए थे। हालांकि दोनों खेलों में बहुत अंतर था. स्नूकर गेम को स्टिक की मदद से खेला जाता है।
कैसे पड़ा स्नूकर नाम
जानकारी के मुताबिक जबलपुर सदर के नर्मदा क्लब में ऑफिसर्स मेस हुआ करती थी, जहां मिलिट्री के लेफ्टिनेंट चैंबर्लिन मेस का लुफ्त उठाने के साथ ही गेम खेला करते थे लेकिन जब 1875 में ऑफिसर्स मेस में लेफ्टिनेंट चैंबर्लिन, बिलियर्ड्स गेम खेल रहे थे तभी बिलियर्ड्स टेबल के चारों ओर मौजूद मिलिट्री अकादमी के कैडेट्स अच्छा गेम नहीं खेल रहे थे। तब चैंबर्लिन ने गेंद को पॉकेट में डालने को कहा तो बाकी लोग गेंद को पूल नहीं कर पाए थे। इसके बाद उन्होंने उन कैडेट्स को नौसिखिया यानी स्नूकर नाम से पुकारा था. जिसके बाद बिलियर्ड्स टेबल से शुरू हुए इस गेम का नाम स्नूकर पड़ा था।
कैसे खेलते हैं स्नूकर
यह खेल एक बड़ी टेबल में खेला जाता है, जिसका आकार 12*6 फीट होता है। इस टेबल में हरे रंग की मैट होती है, जिसके चारों कोने पर पॉट यानी होल बने होते हैं। इसके अलावा दो होल बीच में भी होते हैं। बिलियर्ड्स में तीन अलग-अलग रंग की गेंद होती हैं, जबकि स्नूकर में 22 गेंद से गेम को खेला जाता है। स्नूकर गेम में 15 लाल गेंद, एक सफेद गेंद और 6 रंगीन गेंद होती हैं जहां खिलाड़ी को लाल गेंद को पूल करना होता है। हर गेंद के लिए अलग-अलग अंक स्नूकर में दिए जाते हैं। पहले जिस गेंद से स्नूकर खेला जाता था वह गेंद हाथी के दांतों से बने होते थे।