जालंधर: लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब के लोगों को अब जल्द ही फिर से चुनाव के लिए तैयार रहना होगा। लोकसभा चुनाव और दलबदलूओं के कारण कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की पांच विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। इन सभी सीटों को अगले 6 महीने के भीतर पंजाब सरकार को उपचुनाव करवाने होंगे। इनमें विधानसभा सीट चब्बेवाल, बरनाल, जालंधर वेस्ट, डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा सीट शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने विधायकों और मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारा था। इनमें से कांग्रेस के दो विधायक जीते हैं, आम आदमी पार्टी के एक मंत्री ने जीत हासिल है। दो सीटों पर दलबदलू अधिनियम के लागू हो रहा है। इन सभी पांच सीटों पर जल्द ही चुनाव होंगे।
यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए आसान नहीं होंगे। पंजाब में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद अब कांग्रेस के हौंसले बुलंद हैं और भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने के बाद अपने वोट प्रतिशत में काफी बढ़ौतरी की है। जिसके बाद मुकाबला कड़ा होना तय है। इन चुनावों में कांग्रेस और आप की साख दांव पर होगी और भाजपा को पैर पसारने की पूरा मौका मिलेगा।
इन उपचुनावों में आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीते पंथक प्रत्याशी भी इन सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनौती बनेंगे। मुकाबला हर तरह से फिर से रोचक होने वाला है। मौजूदा सरकार के लिए उपचुनाव जीतना आसान नहीं होगा।
बता दें कि 13-0 का मिशन लेकर सभी सीटों पर 5 मंत्री और 3 विधायकों समेत उतरी पार्टी केवल 3 सीटें ही जीतने में कामयाब रही, जबकि पार्टी के 4 मंत्रियों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। जीतने वालों में एक ही मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर प्रमुख हैं। उन्होंने संगरूर लोकसभा से जीत दर्ज की है। वहीं, चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए डा. राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इनके अलावा आनंदपुर साहिब लोकसभा से मालविंदर सिंह कंग चुनाव जीत पाए।
जालंधर वेस्ट - दलबदलू शीतल अंगुराल का इस्तीफा मंजूर
भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए शीतल अंगुराल को भी अब जालंधर वेस्ट सीट छोड़नी होगी। आम आदमी पार्टी छोड़ भाजपा में दोबारा गए शीतल अंगुराल को उपचुनाव से गुजरना ही होगा। उन्होंने सोचा था कि वह इस्तीफा वापिस लेकर विधायक बने रहेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी ने अचानक उसका इस्तीफा मंजूर कर बड़ा झटका दिया। बता दें कि शीतल अंगुराल ने विधानसभा हलका जालंधर वेस्ट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुशील रिंकू को हराया था।
चब्बेवाल – दल बदलने और जीतने के बाद खाली हुई सीट
कांग्रेस की टिकट पर 2022 में होशियारपुर की विधानसभ सीट चब्बेवाल से जीते डा. राज कुमार चब्बेवाल ने दल बदल लिया। वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो और पार्टी ने उन्हें होशियारपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया। अब चब्बेवाल जीत गए हैं। उनके जीतने और दल बदल लेने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होंगे। बता दें कि इसी सीट से कांग्रेस की टिकट पर डा. राज कुमार चब्बेवाल 2017 में अकाली दल को हरा कर विधायक बने थे। उसके बाद उन्होंने 2019 में होशियारपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के सोम प्रकाश कैंथ से वह जीत नहीं पाए। 2022 में दोबारा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी की लहर के बावजूद सीट जीती।
गिद्दड़बाहा – अब राजा वडिंग लुधियाना से उठाएंगे आवाज
पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की विधानसभा सीट गिद्दड़बाहा भी खाली हो गई है। कांग्रेस ने राजा वडिंग को लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ाया और वह भारी मतों से जीत हासिल कर संसद पहुंच गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के सांसद रहे और भाजपा के प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू को हराया। अब गिद्दड़बाहा सीट पर भी उपचुनाव होंगे। बता दें कि राजा वडिंग 2012, 2017 और 2022 से लगातार तीन बार गिद्दड़बाहा सीट से जीत कर विधायक बने हुए थे। राजा वडिंग की सीट पर उनकी पत्नी कांग्रेस की प्रत्याशी हो सकती हैं।
डेरा बावा नानक– डिप्टी सीएम रंधावा ने भेदा भाजपा का गढ़
पंजाब की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट में से एक सीट डेरा बाबा नानक भी है। जिस पर पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा जीतते आ रहे हैं। 2022 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शिरोमणि अकाली दल के रविकरण सिंह काहलों को 466 वोटों के मार्जिन से हराया था। रंधावा को पार्टी ने इस बार लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था। क्योंकि यह सीट भाजपा जीतती रही है और पिछली बार इस सीट से सिने सितारे सन्नी दियोल जीते थे। अब सुखविंदर रंधावा का मुकाबला भाजपा के दिनेश बब्बू से थे। जिसे उन्होंने भारी मतों से मात दी। अब उनकी सीट भी खाली हो गई है।
बरनाला – रिकॉर्ड वोटों से जीत मंत्री से सांसद बने मीत हेयर
गुरमीत सिंह मीत हेयर ने जब से राजनीति में कदम रखा है, तब से वह रिकॉर्ड तोड़ते और बनाते जा रहे हैं। साल 2017 में पहली बार मीत हेयर ने बरनाला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने कड़े मुकाबले में दो बार के कांग्रेस विधायक केवल सिंह ढिल्लों को हराकर बड़ी जीत हासिल की। इसके बाद साल 2022 में बरनाला विधानसभा क्षेत्र से 37 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की और दूसरी बार विधायक बने।
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने का अवसर भी मिला। इस लिए पंजाब सरकार ने मीत हेयर पर लोकसभा चुनाव में भी दांव खेला। वह रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल करने वाले सांसद बने हैं। अब उनकी बरनाला सीट पर भी चुनाव होंगे।