विधानसभा हलका जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल ने एक बार फिर से राजनीति में तहलका मचा दिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर और अब लोकसभा चुनाव के तुंरत बाद इस्तीफा वापिस लेकर शीतल अंगुराल ने नई बहस छेड़ दी है। शीतल अंगुराल ने एक निजी चैनल से बातचीत में साफ किया है कि वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं और भाजपा में भी नहीं रहेंगे। शीतल ने अपनी सोशल मीडिया वॉल से भाजपा का परिवार भी हटा लिया है।
शीतल अंगुराल का कहना है कि उन्होंने यह फैसला कानूनी सलाह के बाद लिया है। अगर वह इस्तीफा देते हैं तो उनके हलके में दोबारा चुनाव होंगे। जिससे स्टेट पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी छोड़ भाजपा ज्वाइन करने वाले शीतल अंगुराल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। तब विधासनभा स्पीकर ने इसे स्वीकार नहीं किया था।
अब पिछले महीने 9 मई को विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने शीतल के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए उन्हें चंडीगढ़ सचिवालय में 3 जून को बुलाया था। इसी बीच विधायक शीतल ने इस्तीफा वापिस ले लिया है। शीतल ने कहा कि वह विधानसभा में बैठकर झूठे लोगों का मुकाबला करेंगे।
दोबारा चुनाव के लिए सरकार पर पड़ेगा बोझ
मिली जानकारी अनुसार, अंगुराल ने पत्र में कहा है कि अगर वह विधायक पद से इस्तीफा देते है तो दोबारा से चुनाव होंगे और सरकार पर खर्च का बोझ बढ़ेगा। लेकिन अब उन्होंने वापस ले लिया है। विधानसभा स्पीकर द्वारा 3 जून को शीतल अंगुराल को MLA पद से दिए गए इस्तीफे पर चंडीगढ़ Secterait में पेश होने के लिए पत्र जारी किया है। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। आपको बता दें कि इस बारे में विधायक शीतल अंगुराल का कोई बयान सामने नहीं आया है।
शीतल का भाई ने पोस्ट शेयर की
शीतल अंगुराल के भाई राजन अंगुराल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की है। जिसमें लिखा है कि "झूठे कपटियों का सामना अब विधानसभा में उनके सामने बैठकर डटकर किया जाएगा। हमारा एक ही लक्ष्य पंजाब को बर्बाद होने से बचाना है। जय भाजपा, तय भाजपा"। इससे साफ है कि शीतल अंगुराल भले ही भाजपा छोड़ेंगे, लेकिन उनका परिवार भाजपा के साथ ही जुड़ा रहेगा।
सोशल मीडिया प्रोफाइल भी की चेंज
वहीं शीतल ने अपने अकाउंट पर मोदी का परिवार लिखा था और भाजपा का समर्थन देना शुरू कर दिया था। लेकिन अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक की प्रोफाइल भी चेंज कर ली है और मोदी का परिवार हटा दिया है।
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की थी जॉइन
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले विधायत अंगुराल ने आप से सांसद रहे सुशील कुमार रिंकू के साथ भाजपा जॉइन कर ली थी और अगले ही दिन विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को अपना त्याग पत्र भेज दिया था।
बिक्रमजीत सिंह चौधरी भी नहीं देंगे इस्तीफा
कांग्रेस के सांसद रहे चौधरी संतोख सिंह के बेटे और फिल्लौर विधानसभा से विधायक बिक्रमजीत सिंह चौधरी को भी कांग्रेस पार्टी ने निकाल बाहर किया है। उसके बावजूद बिक्रमजीत चौधरी विधायक करेंगे। उनकी माता कर्मजीत कौर जालंधर से लोकसभा टिकट कटने के बाद भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।
बिक्रमजीत सिंह चौधरी भी पार्टी में रहकर कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी चरनजीत सिंह चन्नी का खुलकर विरोध करते रहे हैं। बिक्रमजीत चौधरी अगर खुद पार्टी छोड़ते तो उन्हें विधायकी भी छोड़नी पड़ती, तब उन पर दल बदलू कानून लागू होता। लेकिन अब कांग्रेस ने उन्हें निकाला है तो वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर विधायक रहेंगे।