खबरिस्तान नेटवर्क: भारत में अब बहुत जल्दी हाइड्रोजन ट्रेन चलने वाली है। इस ट्रेन का ट्रायल पहले से ही शुरु हो चुका है। यह ट्रायल हरियाणा के सोनीपत-जींद रुट पर हो रहा है। इन ट्रेन को चेन्नई में स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने बनाया है। यह ट्रेन करीबन 89 किलोमीटर लंबे रुट पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
ट्रेन में है ये खास विशेषताएं
हाइड्रोजन ट्रेन में 8 कोच बनाए गए हैं। यह एक बार में करीबन 2638 यात्रियों को ले जा पाएगी। यह बिना बिजली और डीजल के चलेगी। ऐसे में यह बाकी गाड़ियों से पूरी तरह अलग होगी। इस ट्रेन में खास तरह का फ्यूल सेल इस्तेमाल हुआ है इसलिए यह हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन के जरिए बिजली पैदा करेगी। इस प्रक्रिया में सिर्फ पानी और एनर्जी ही उत्पन्न होगी जिससे किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा।
पर्यावरण को होगा फायदा
यह ट्रेन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाई गई है क्योंकि इसको चलाने के लिए कोयला, डीजल या फिर बिजली की जरुरत नहीं होती। हाइड्रोजन ट्रेन के चलने से पर्यावरण पर भी पॉजिटिव असर होगा। यह ट्रेन भारत की हरित प्रौद्योगिकी की दिशा में एक जरुरी कदम साबित होगी। इस ट्रेन का ट्रायल सुरक्षा मानकों और तकनीकी क्षमता को देखने के लिए किया जा रहा है।
भारत में पहली बार शुरु हुई
आपको बता दें कि भारत में बनाई गई यह हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी और तेज हाइड्रोजन ट्रेन होने वाली है। इसके चलने से भारत अपनी कार्बन एनर्जी को कम करने के लिए एक ओर कदम बढ़ाएगा। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए पहली शुरुआत होगी। इससे पर्यावरण के बचाव में बहुत मदद मिलेगी।
600 करोड़ का रखा गया है फंड
अगर ट्रेन का ट्रायल सफल रहा है जल्दी यह शुरु हो जाएगी। अभी भारत में 35 हाइड्रोजन ट्रेनें बनाई जा रही हैं। इन ट्रेनों के लिए 600 करोड़ रुपये का फंड भी रखा गया है। इंडियन रेलवे की ओर से हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज नाम की योजना के अंतर्गत पहाड़ी और हेरिटेज रुट्स पर इन हाइड्रोजन ट्रेन को शुरु किया गया है।