खबरिस्तान नेटवर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में ट्रक चालकों के लिए अंग्रेजी में दक्षता हासिला करना अनिवार्य हो गया है। इसको लेकर उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। उनके इस फैसले को लेकर सिख अधिकार समूहों ने चिंता भी जताई है। इन समूहों का कहना है कि इस आदेश का सिख समुदाय के ट्रक चालकों पर भेदभाव पूर्ण असर पड़ेगा और रोजगार में भी कई अनावश्यक बाधाएं पैदा होंगी।
जारी आदेश में कही बात
अमेरिका के ट्रक चालकों के लिए 'सड़क के सामान्य नियमों को लागू करना शीर्षक वाले कार्यकारी आदेश में यह कहा गया है कि अमेरिका के ट्रक चालक देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती, इसकी सुरक्षा और अमेरिकी लोगों की आजीविका के लिए जरुरी है। आदेश में लिखा गया कि - अंग्रेजी में दक्षता पेशेवर चालकों के लिए सुरक्षा संबंधी अनिवार्याता होनी चाहिए। वे यातायात संकेतों को पढ़ने और समझने में सक्षम होने चाहिए। उन्हें यातायात सुरक्षा सीमा गश्त, कृषि चौंकियों और माल वजन-सीमा स्टेशन के अधिकारियों के साथ संवाद करना आना चाहिए।
अमेरिका की राष्ट्रीय भाषा घोषित हुई अंग्रेजी
ट्रंप ने अंग्रेजी को अमेरिका की आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा घोषित किया है। सिख कोलिशन संगठन कहा कि वह ट्रंप के इस आदेश से काफी चिंता में हैं। उसने कहा कि - 'हम समझते हैं कि इस आदेश के अंतगर्त परिवहन मंत्री सीन डफी को अंग्रेजी में दक्षता संबंधी अनिवार्यता के अनुपालन के लिए निरीक्षण प्रक्रियाओं को मजबूत करने के मकसद से कदम उठाने का भी निर्देश दिया जाएगा'। सिख कोलिशन समूह ने कहा कि यह कार्यकारी आदेश उस सिख समुदाय के लिए गंभीर चिंता पैदा करेगा जिसकी अमेरिका के ट्रक संचालन उद्योग में मजबूत उपस्थिति है। इसमें द इकोनॉमिस्ट की उस रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि देश के ट्रक संचालन उद्योग में लगभग 1,50,000 सिख काम करते हैं। इनमें से 90 फीसदी चालक हैं। सिख समूह का कहना है कि- 'हम इस बात को लेकर अभी चिंतित हैं कि इस आदेश का सिख ट्रक चालकों पर भेदभावपूर्ण तरीके से प्रभाव पड़ेगा और योग्य व्यक्तियों के लिए रोजगार प्राप्त करने में भी अनावश्यक बाधाएं पैदा होगी'।