खबरिस्तान नेटवर्क: बीते दिन हुए अहमदाबाद विमान हादसे के बारे में सोचकर हर कोई इस समय गहरे सदमे में है। इस हादसे से यह साफ पता चलता है कि किसी भी इंसान की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। हम नहीं जानते कि कब क्या हो जाए। इस हादसे में ऐसे कई लोगों की जान गई है जो लंदन अपनी एक नई जिंदगी शुरु करने जा रहे थे लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि भगवान की मर्जी के आगे किसी का जोर नहीं चलता। अब जरा नजर डालते हैं बीते दिन हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों पर।
आखिरी सेल्फी फोन में ही रह गई कैद
लंदन जा रहे इस विमान में प्रतीक जोशी जो पेशे से एक डॉक्टर थे। उन्होंने विमान के टेक ऑफ करने से पहले सेल्फी भी ली थी। सेल्फी फोटो में आप देख भी सकते हैं कि प्रतीक जोशी उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास और तीन बच्चे कितने खुश दिखाई दे रहे हैं हालांकि उन सभी को क्या पता था कि यह तस्वीर फोन में ही कैद होकर रह जाएगी और पूरे परिवार के 5 लोगों की ही मौत जो हो जाएगी। सामने आई जानकारी की मानें तो बांसवाड़ी की रातीतलाई कॉलोनी में रहने वाले डॉ. जेपी जोशी के बेटे प्रतीक जोशी बहू डॉ. कौमी और दंपत्ति के तीन बच्चे मिराया, नकुल और प्रद्यूत लंदन जाने के लिए एयर इंडिया के विमान एआई171 में सवार हुए थे। टेक ऑफ के चंद मिनट बाद यह विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के दौरान विमान में 242 यात्री सवार थे।
पायल खटीक नाम की लड़की की गई जान
पायल मूल रुप से राजस्थान के रहने वाले गुजरात के हिम्मतनगर में व्यवसाय करने वाले खटीक परिवार की बेटी थी। वह निजी कंपनी में काम करती थी। कंपनी की ओर से वह लंदन जा रही थी। पहली बार ही वह फ्लाइट में बैठी। पायल के पिता सुरेशभाई खटीक ने लोडिंग रिक्शा चलाकर अपनी बेटी को पढ़ाया था और अच्छी नौकरी के मुकाम तक पहुंचाया था। उन्होंने बेटी को सपनों की उड़ान के पंख तो दे दिए लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पायल अहमदाबाद से लंदन में जा रही थी और पहली बार फ्लाइट में बैठी थी लेकिन उसको क्या पता था कि उसके लिए पहली बार फ्लाइट में बैठना आखिरी बन जाएगा। बेटी की मौत की खबर सुनकर परिवार भी सदमें में है। जिस बेटी के लिए पिता सुरेशभाई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी बेटी पहली नहीं आखिरी बार फ्लाइट में बैठ रही है।
NRI परिवार की मौत
इस हादसे में मुंबई के जावेद अली परिवार की भी मौत हुई है। जावेद अली (37), उनकी पत्नी मरियम (35) 8 साल का बेटा जयान और 4 साल की बेटी अमीन चारों की भयानक हादसे में मौत हो गई। जावेद पिछले 6 दिनों से मुंबई में ही थे। जहां वो अपनी मां के हार्ट ऑपरेशन के लिए आए थे। इलाज के बाद वे अपने परिवार के साथ लंदन लौट रहे थे। परिवार के करीबी दोस्त रफीक शेख ने जानकारी दी कि जावेद और मरियम लंदन में ही बस गए थे और दोनों के दो मासूम बच्चे भी थे। वे इस फ्लाइट में सवार होकर अपनी दिनचर्या में लौट रहे थे लेकिन कुछ ही मिनटों में सब खत्म हो गया। पोस्टमार्टम विभाग के बाहर बैठे रफीक शेख इस हादसे से बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि वे सुबह से अस्पताल के बाहर बैठे हैं। अब बस अपनों की आखिरी झलक देखने का इंतजार है गुस्सा तो है लेकिन उन्हें गम भी है कि कुछ भी वापिस नहीं आएगा।

बेटी से मिलने जा रही थी मां
अंजू नाम की महिला जो कि कई सालों से अपने परिवार के साथ गुजरात के वडोदरा में रह रही थी और अपनी बड़ी बेटी से मिलने के लिए लंदन में जा रही थी। अंजू की मौत के कारण गांव में मातम पसर गया है और परिवार गहरे सदमें में भी है। सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि अंजू शर्मा के बुजुर्ग माता-पिता को अब तक हादसे की जानकारी नहीं दी गई। उनके पिता जगदीश शर्मा जो भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं। ब्रेन हेमरेज के कारण वह बिस्तर पर है और माता भी लंबे समय से बीमार हैं। ऐसे में परिवार ने उन्हें यह दुखद समाचार बताने से फिलहाल परहेज ही किया है। परिवार के लोग कह रहे हैं कि यदि हम अंजू के पिता और मां को इसकी जानकारी देंगे तो हम उन्हें भी खो देंगे।
पिता ने खोई अपनी बेटी
अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात की रहने वाली दीपांशी की भी दर्दनाक मौत हो गई है। गांधी नगर के सरगासन स्थित स्वागत फ्लेमिंगो सोसायटी में रहने वाली दीपांशी भदौरिया लंदन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी और एक महीने पहले अपने पिता को सरप्राइज देने के लिए भारत आई थी। दीपांशी गुरुवार को लंदन जा रही थी लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट हादसे का वह शिकार हो गई और दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। दीपांशी के पिता डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। बेटी को अचानक घर में आया देख जो परिवार बहुत ही खुश था उनके घर में आज मातम पसरा हुआ है।
रह गई सभी उम्मीदें
इस हादसे में 39 साल की रंजीता गोपाकुमार भी शामिल हैं। वह दो बच्चों की मां थी और सरकारी नौकरी से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए चार दिन पहले ही ब्रिटेन से भारत आई थी। वह दक्षिण केरल के इस जिले में अपने पैतृत गांव पुल्लाड़ में अपने नए घर की योजना को अंतिम रुप देने और अपने बच्चों और बुजुर्ग मां को एक सुरक्षित और अधिक स्थिर जीवन देने की आशा के साथ लौटी थी लेकिन उम्मीदें इसी हादसे के साथ चल बसी। उनके एक करीबी ने बताया कि वह बहुत ही खुश और आशान्वित थी और उसकी बहुत सारी योजनाएं और सपने भी थे लेकिन भगवान के आगे किस का जोर चल सकता है।
भगवद्गीता को नहीं आई जांच
अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन इस खतरनाक तरीके से क्रैश हुआ कि मजबूत मेटल के सिर्फ परखच्चे उड़े हैं बल्कि लोहे से भी मजबूत मेटल कुछ ही पल में पिघल गया लेकिन रेस्क्यू के दौरान जो भगवद्गीत मिली वो बिल्कुल सही सलामत थी।
गंगा आरती में आत्मा की शांति के लिए रखा गया शोक
काशी में भी जगह-जगह शोक संवेदना प्रकट की जा रही है। दैनिक गंगा आरतियों में विशेष आरती और पूजन अर्चन के जरिए से प्लेन क्रैश की घटनाओं में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए शोक संवेदना भी प्रकट की गई है। गंगा सेवा निधि के द्वारा होने वाली विश्वप्रसिद्ध मां गंगा की आरती में शामिल हजारों श्रद्धालुओं ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की है। इस दौरान हाथ में दीपक लेकर 2 मिनट का मौन रखकर और गंगा मां की विशेष आरती की गई और मृतक आत्माओं की शांति के लिए पूजन किया गया।

265 लोगों की हुई मौत
गौरतलब है कि एअर इंडिया का ड्रीमलाइनर प्लेन अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही बहुत खतरनाक ढंग से क्रैश हो गया। क्रैश इतनी बुरी तरह हुआ कि आग निकली और 265 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। प्लेन इस तरह क्रैश हुआ कि जिसने देखा उसने यही कहा कि इतना बुरा क्यों हुआ? लोगों के शव कई हिस्सों में बिखरे हुए थे, लोगों के शव इतनी बुरी तरह से जले कि उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है इसलिए डीएनए जांच का सहारा लिया गया है। प्लेन में कुल 242 लोग सवार थे। इसमें 230 पैसंजर्स, 10 क्रू और दो अनुभव पायलट भी सवार थे। प्लेन में सिर्फ एक ही यात्री चमत्कारिक ढंग से बचा है जिसको अब अस्पताल में पहुंचाया है और उसका इलाज चल रहा है।
पीएम ने सभी अधिकारियों के साथ की मीटिंग
इस हादसे के बाद पीएम मोदी ने गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल और बाकी अधिकारियों के साथ बैठक की है। इससे पहले पीएम मोदी ने क्रैश वाली जगह का दौरा भी किया। वहां पर वह करीबन 10 मिनट तक रुके। इसके बाद पीएम मोदी ने क्रैश में जिंदा बचे हुए इकलौते संग से उसका हाल जाना है। वहीं पीएम मोदी ने बाकी घायलों के साथ मुलाकात भी की है। पीएम मोदी को जैसे ही कल क्रैश की सूचना मिली तभी पीएम मोदी ने सीएम भूपेंद्र पटेल और एविएशन मिनिस्टर से बात करके तुरंत हर संभव मदद भेजने का निर्देश दिया था।