कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार पर आरोप लगाया कि कहां तो 1 लाख करोड़ का कर्जा माफ करने की बात कही थी। लेकिन हुआ उलट। सूद समेत अब कर्जा और बढ़ चुका है। ये 90 हजार करोड़ था। अब 1 लाख 10 हजार करोड़ हो चुका है। ये कर्जा तभी माफ हो सकता है जब झूठ बेचना बंद किया जाएगा।
सिद्धू ने कहा उनके व पंजाब कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है, ये गलतफहमी लोगों ने बना ली है। मेरी लड़ाई नीतियों की है। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह थे और उससे पहले प्रकाश सिंह बादल थे। इनकी नीतियों में फर्क था। उन्होंने कभी किसी का विरोध नहीं किया और न ही किसी के खिलाफ कभी कुछ कहा है। सिद्धू पर अकेले चलने के आरोप लगते हैं। लेकिन कोई जवाब दे, जिसके साथ 30 हजार पंजाबी खड़ा है, वे अकेला कैसे हो सकता है
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में आम आदमी की सरकार को 630 दिन ही हुए हैं। रोज का 80 करोड़ रुपए ये सरकार लेकर चल रही है। अगर कर्जा लेकर ही सरकार चलानी थी तो पहले बोलना चाहिए था। सरकार ने पहले महीने 54 हजार करोड़ निकालने की बात कही। 30-35 हजार करोड़ बजट की चोरी से निकालने की बात कही, बाकी 20 हजार करोड़ रेत से निकालने की बात कही थी। घर-घर नौकरी का वादा हुआ था।
उन्होंने कहा कि संविधान वही है, जिसमें लोगों की ताकत लोगों को मिले। लेकिन, पंजाब में ऐसा नहीं हो रहा। वे खुद सीएम मान के पास फाइल लेकर गए थे और कहा था कि पंजाब के सपनों को टूटने मत देना। लेकिन हुआ कुछ नहीं। पंजाब में अगर आज कोई बच्चा पैदा होता है तो उस पर 1 लाख 20 हजार रुपए का कर्जा होता है। अगर, पंजाब को लूटा नहीं जा रहा, उसके रिसोर्स खर्च नहीं हो रहे तो ये कर्जा कैसे बढ़ रहा है।
सिद्धू ने स्पष्ट किया कि अगर बड़ी लड़ाई लड़नी है तो AAP के साथ समर्थन जरूरी है। ये बात प्रधानमंत्री की कुर्सी की हो रही है। प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए क्या किया। हमें ये सोचना होगा। बड़ी लड़ाइयों के लिए समर्थन जरूरी होता है।
इसके अलावा सिद्धू ने रेत माफिया, शराब माफिया और केबल माफिया पर भी बात रखी।