सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट ने 46 लाख रुपए ब्लड मनी देकर चार युवाओं को फांसी होने से बचाया है। ट्रस्ट प्रमुख डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय की वजह से चारों युवाओं की सजा माफ हुई है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के शारजाह में चारों युवाओं को भारतीय युवक की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा दी गई थी।
बता दें कि तीन युवक पाकिस्तान से हैं और एक भारतीय है। चारों युवकों को 2019 में शारजाह में एक भारतीय युवक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इन युवाओं में भारत से पंजाब के गुरदासपुर के गुरप्रीत सिंह और पाकिस्तानी पंजाब से राव मोहम्मद आदिल, राणा ताबिश राशिद और आदिल जावेद चीमा शामिल हैं।
दो साल की सुनवाई के बाद शारजाह कोर्ट ने इन चारों युवकों को मौत की सजा सुनाई थी। मारे गए युवक के माता पिता से लंबे समय तक संपर्क करने के बाद डॉ. एसपी सिंह ने उन्हें ब्लड मनी के लिए मनाया।
दो साल की सुनवाई के बाद सुनाई थी मौत की सजा
गुरदासपुर जिले के गुरप्रीत सिंह के परिवार ने सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की अमृतसर यूनिट से संपर्क किया था। जिसके बाद डॉ. एसपी ओबेरॉय ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
मृतक परिवार को दिए 2 लाख ड्राम
शारजाह कोर्ट में जजों की मौजूदगी में डॉक्टर ओबरॉय ने ब्लड मनी के तौर पर 2 लाख ड्राम (करीब 46 लाख भारतीय रुपए) मृतक युवक की पत्नी और भाई को दिए थे। आदेश के अनुसार 5 भागों में बांटकर आरोपी युवकों की फांसी की सजा माफ करने के लिए मृतक के परिवार से मंजूरी ली गई।
कोर्ट में अगली सुनवाई 22 जनवरी को
डॉ. ओबरॉय ने कहा कि शारजाह कोर्ट ने अब अंतिम फैसला देने के लिए अगली सुनवाई 22 जनवरी 2024 को तय की है। और इन युवाओं की रिहाई की पूरी संभावना है। शरिया कानून के मुताबिक अगर दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद ब्लड मनी कोर्ट में जमा करने की इजाजत मिल जाती है, तो समझ लीजिए कि फांसी माफ होनी तय है।
परिवार ने किया धन्यवाद
ओबेरॉय ने विदेशों और खासकर खाड़ी देशों में रोजगार की तलाश में आने वाले युवाओं से किसी भी इस तरह के अपराध से दूर रहने की अपील की। शारजाह कोर्ट में चारों युवकों को मौत की सजा से बख्शने के समझौते के बाद आरोपी भारतीय और पाकिस्तानी युवकों के परिवारों ने भी डॉ. एसपी सिंह ओबरॉय का धन्यवाद किया।
2010 से अब कर 129 लोगों को बचा चुके
डॉ. ओबेरॉय 2010 से अब तक 129 लोगों को फांसी या 45 साल तक की लंबी सजा से रिहा करवाया जा चुका है।