शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने आज अंतरिम कमेटी की मीटिंग बुलाई। जिसमें एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बंदी सिखों की रिहाई को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं। इस मीटिंग को धामी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की लेटर के एक दिन बाद ही बुलाया।
SGPC ने सिखों की रिहाई के लिए दिए ये आदेश
दरअसल ज्ञानी रघबीर सिंह ने मंगलवार(28 नवंबर) को SGPC और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGPC) को बंदी सिखों की रिहाई के लिए तेजी लाने के आदेश देते हुए लेटर लिखा था। वहीं इसमें दोनों कमेटियों को दो दिन के अंदर किए गए प्रयासों की रिपोर्ट शुक्रवार(1 दिसंबर) को दाखिल करने के लिए कहा है।
विश्व स्तर ह्यूमन राइट्स में काम करने वालो के साथ मीटिंग
मंगलवार को लिखा गया ये लेटर एक रिमाइंडर लेटर था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने तकरीबन दो हफ्ते पहले ही दोनों संस्थाओं को बंदी सिखों की रिहाई के लिए प्रयास करने व इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा था। 25 नवंबर को चंडीगढ़ में एसजीपीसी की तरफ से सिख वकीलों की मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें सभी ने फैसला किया कि एक बड़े स्तर की बैठ बुलाई जाएगी, जिसमें विश्व स्तर पर ह्यूमन राइट्स का काम करने वाले लोगों को इकट्ठा किया जाएगा।
सिखों की रिहाई के लिए डॉक्यूमेंट्रीज तैयार की जाएंगी
एडवोकेट धामी ने ये भी कहा कि डॉक्यूमेंट्रीज तैयार की जाएंगी जिसमें बंदी सिखों के बारे में लोगों को बताया जाएगा। इतना ही नहीं पूरे देश से ऐसे मामलों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा जिनका उदाहरण देकर बंदी सिखों की सजा को कम किया जा सकता है।