ख़बरिस्तान नेटवर्क, अमृतसर : देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है। विपक्ष के कुछ नेता इसके समर्थन में हैं तो कुछ इसके खिलाफ। अब पंजाब में भी UCC को लेकर बहस तेज हो गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि खालसे पर कोई कोड लागू नहीं होता है।
UCC लागू होने से सभी राज्यों की संस्कृति खत्म हो जाएगी
SGPC प्रधान धामी ने कहा कि UCC लागू करने का कोई अर्थ नहीं है और खालसे पर कोई कोड लागू नहीं होता। भारत में अलग-अलग राज्य हैं और हर राज्य की अपनी-अपनी संस्कृति है। इस कानून के लागू होने से सभी राज्यों की संस्कृति खत्म हो जाएगी। इसलिए भारत जैसे देश में UCC लागू करने का कोई मतलब नहीं बनता।
UCC पर इन पार्टियों का समर्थन
शिवसेना (उद्धव गुट) : अध्यक्ष उद्धव ने MPLB के मेंबर्स से बुधवार को कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इसका विभिन्न समुदायों पर क्या असर पड़ सकता है। साथ ही UCC पर अब चर्चा शुरू करने के पीछे मोदी सरकार का मकसद पाक-साफ नहीं है।
AAP : AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा- हम UCC का समर्थन करते हैं क्योंकि आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। हालांकि इसके लिए सभी धर्म के लोगों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों से सलाह-मशवरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।
UCC के विरोध में ये पार्टियां
NCP : पार्टी ने UCC के मुद्दे पर वर्किंग कमेटी की मीटिंग में चर्चा की। इसके बाद नेशनल सेक्रेटरी नसीम सिद्दिकी ने कहा- हम ना तो UCC का समर्थन करते हैं और न ही उसका विरोध। जनता और इससे जुड़े वर्गों के बीच इस पर चर्चा की जरूरत है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस : फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार UCC पर ज्यादा जोर ना डाले। इसे लागू करने के परिणामों पर बार-बार विचार कर ले। देश विभिन्नताओं से भरा है और अलग धर्मों-जातियों के लोग यहां रहते हैं। मुस्लिमों का अपना अलग शरीयत कानून है। सरकार सोच ले, तूफान आ सकता है।
AIMIM : चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने UCC पर बहस छेड़ने को साजिश बताया था। कहा था कि भाजपा मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस : सांसद शशि थरूर ने कहा, 'जहां तक यूनिफॉर्म सिविल कोड का सवाल है। प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था कि UCC होना चाहिए, लेकिन हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा। आप किसी भी देश में किसी एक तबके को नहीं भूल सकते।
सपा : सांसद एसटी हसन ने कहा - हम हदीस की हिदायतें नहीं छोड़ सकते। संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है।
DMK : CM एमके स्टालिन ने कहा- मोदी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर और देश में भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल : दलजीत चीमा ने कहा UCC लागू होने से अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर असर पड़ेगा और देश में अशांति-तनाव बढ़ेगा।
केंद्र सरकार ने राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से मांगे हैं सुझाव
केंद्र सरकार का कहना है कि कि देश एक है और इसलिए देश में कानून भी एक ही होना चाहिए। इसे लागू करवाने के लिए देश के अलग-अलग धर्मों और समुदाय व धार्मिक संगठनों से सुझाव मांगे गए हैं। इसी को लेकर SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी का बयान सामने आया है।