एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिर से सिखों की मिनी संसद कही जाने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान बन गए हैं। बुधवार को हुए चुनाव में उन्हें तीसरी बार प्रधान चुना गया। एसजीपीसी के कुल 151 सदस्यों में से 136 ने वोट डाले। इनमें से धामी को 118 वोट मिले। उनके सामने उतरे बाबा बलबीर सिंह घुनस को सिर्फ 17 वोट मिले। घुनस को शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के प्रधान सुखदेव सिंह ढींडसा ने उम्मीदवार घोषित किया था। इससे पहले अमृतसर स्थित SGPC मुख्यालय में दोपहर 1 बजे अरदास के बाद वोटिंग शुरू हुई थी। अलग-अलग जिलों से आए एसजीपीसी के सदस्यों ने अपने वोट डाले। हरभजन सिंह मसाना को एसजीपीसी का वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भाई गुरबख्श सिंह खालसा को उपाध्यक्ष और भाई राजिंदर सिंह मेहता को महासचिव चुना गया। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने हरजिंदर सिंह धामी को तीसरी बार एसजीपीसी का प्रधान चुने जाने पर बधाई दी है।
बुधवार सुबह अमृतसर के तेजा सिंह समुद्री हाल में वोटिंग शुरू हुई। वोटिंग में एक मेंबर एम्बुलेंस में वोट डालने के लिए एसजीपीसी मुख्यालय पहुंचा। इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार हरजिंदर सिंह धामी की दावेदारी शुरू से ही मजबूत थी। वोटिंग से पहले ही ये लगभग स्पष्ट था कि धामी प्रधान पद पर जीत की हैट्रिक लगाई है। वोटिंग शुरू होने से पहले एसजीपीसी में बादल परिवार के विरोधी गुट ने अपने कैंडिडेट के रूप में प्रधान पद के लिए बाबा बलबीर सिंह घुनस का नाम घोषित किया। उनके नाम का ऐलान शिअद संयुक्त के प्रधान सुखदेव सिंह ढींडसा और SGPC की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने खुद सभी जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया। घुनस की उम्मीदवारी का कुछ अन्य जत्थेबंदियों ने भी समर्थन किया। इनमें अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे के अलावा चरणजीत सिंह जस्सोवाल व सतनाम सिंह मनावा वगैरह शामिल थे।
बंदी सिखों की रिहाई के लिए प्रस्ताव पास
धामी के प्रधान बनते ही बंदी सिखों की रिहाई को लेकर पहला प्रस्ताव पास किया गया। इसमें धामी ने कहा कि सरकार की ओर से सिखों को दबाया जा रहा है। बंदी सिखों की रिहाई करवाने के लिए हरसंभव कदम उठाया जा रहा है। वहीं, राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में तबदील करने की मांग भी की गई। धामी ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर पंजाब सरकार गलत कदम उठा रही है इसलिए केंद्र सरकार इसमें दखल देकर मसले को हल करे। इसके अलावा पंजाब में कई जगह पर पंजाबी भाषा न बोलने के लिए कहा जा रहा है जो गलत है। सरकार को पंजाबी भाषा को बनता सम्मान देना चाहिए।
पिछले चुनावों में धामी को मिले 146 वोट विरोधी उम्मीदवार को 42 वोट
धामी ने कहा कि कुछ समय से सोशल मीडिया पर सिख विरोधी बातें फैलाई जा रही है। इस पर केंद्र सरकार को एक्शन लेना चाहिए। हरियाणा सरकार की ओर से अलग गुरुद्वारा कमेटी बनाना भी गलत है। एसजीपीसी के पिछले साल हुए चुनाव में प्रधान पद के कैंडिडेट एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को कुल 146 में से 104 वोट मिले थे। उनके सामने उतरी बीबी जागीर कौर को 42 वोट मिले थे। 2 वोट खारिज कर दिए गए।
सुखबीर ने दी धामी को बधाईशिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने ट्वीट कर हरजिंदर सिंह धामी को तीसरी बार एसजीपीसी का प्रधान चुने जाने पर बधाई दी। बादल ने लिखा- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवक के रूप में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को पुनः निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई देता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह गुरु ग्रंथ साहिब जी से मार्गदर्शन और समर्थन लेकर राष्ट्र की उन्नति के लिए काम करेंगे।