कनाडा पंजाबियों को लगातार झटका दे रहा है। अब एक महत्वपूर्ण बदलाव का ऐलान किया है। जो अब वर्क परमिट और परमानेंट रेजिडेंशियल (PR) आवेदन पर असर देखने को मिलेगा। लेबर मार्केट इंपैक्ट असेसमेंट (LMIA) में 50 अंक नहीं मिलेंगे। कनाडा सरकार इसे बंद करने जा रही है। जिससे पीआर लेना मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि इस फैसले से उन व्यक्तियों पर असर पड़ेगा जो पहले LMIA खरीद कर कनाडा में काम करने आए थे और स्थायी निवास का सपना देख रहे थे। इस बदलाव से हजारों भारतीयों, खासकर पंजाबी समुदाय के लोगों को बड़ा झटका लग सकता है।
LMIA PR के लिए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट
कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने हाल ही में LMIA के माध्यम से पहले दिए गए 50 अंकों को हटाने का ऐलान किया है। LMIA एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट होता है जिसे कनाडा में नियोक्ता (Employer) को विदेशी कर्मचारी को काम पर रखने से पहले प्राप्त करना होता है।
इस डॉक्यूमेंट से यह प्रमाणित होता है कि किसी कनाडाई नागरिक या परमानेंट रेजिडेंट को उस पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। कनाडाई में वर्क परमिट के तहत काम करने वाले विदेशी लेबर के लिए यह नया बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पहले एलएमआईए के जरिए 50 अतिरिक्त अंक मिलते थे, जो एक्सप्रेस एंट्री के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के Comprehensive Ranking System (CRS) स्कोर को बढ़ाते थे।
अब PR लेने में हो सकती है कठिनाई
इससे पीआर प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ जाती थी। लेकिन अब LMIA के अंक हटाए जाने से CRS स्कोर में कमी आ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप इन आवेदकों को PR लेने में कठिनाई हो सकती है।
बता दें कि इस वक्त आवेदक को एक LMIA के लिए 50 अंक या एक्सप्रेस ऐंट्री प्रणाली के अधीन प्रंबंधन के लिए 200 अंक प्राप्त कर सकते हैं। इस समय कैनेडियन पीआर के लिए सीआरएस स्कोर 500 से ज्यादा चल रहा है और एलएमआईए से 50 से ज्यादा अंक पीआर दिलवाने के लिए कारगार साबित होते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में इसकी सुविधा का प्रयोग ठगी के लिए किया जाता है।
10 साल का मल्टीपल एंट्री वीजा किया बंद
इससे पहले कनाडा सरकार की ओर से 10 साल का मल्टीपल एंट्री वीज़ा बंद किया जा चुका है, ज्यादातर मामलों में सिंगल ऐंटरी वीज़ा ही जारी किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट वीज़ा की गिनती घटा कर 4 लाख 37 हज़ार की गई है।
25 से 30 लाख रुपए में बेचा जाता था LMIA
पंजाबी समुदाय, खासकर पंजाब से आए लोग, लंबे समय से इस सिस्टम का जमकर फायदा उठा रहे थे। टूरिस्ट वीजा पर कनाडा पहुंचे लोग, बाद में LMIA खरीदकर वर्क परमिट पर कनाडा में काम करने आते थे। एक एलएमआईए को 25-30 लाख रुपये के बीच बेचा जाता था। इस व्यवस्था का फायदा यह था कि वर्क परमिट धारक अपनी पत्नी और बच्चों को भी कनाडा ला सकते थे और उनके बच्चों की शिक्षा मुफ्त होती थी, साथ ही पत्नी को भी वर्क परमिट मिल जाता था।
पिछले साल 60 हजार LMIA जारी हुए थे
पिछले साल, कनाडा सरकार ने 60,000 से ज्यादा एलएमआईए जारी किए थे, जिनमें से अधिकांश पंजाबी समुदाय से थे। इनमें से 8,289 एलएमआईए कृषि श्रमिकों के लिए थे, और 994 एलएमआईए घरों के निर्माण के लिए जारी किए गए थे। इस बदलाव के बाद, जिन लोगों ने एलएमआईए के जरिए अपना CRS स्कोर बढ़ाया था, उन्हें अब नए रास्ते तलाशने की जरूरत होगी।
भारतीयों के लिए नई चुनौती करेगा पेश
कनाडा सरकार के इस फैसले से प्रभावित होने वाले उम्मीदवारों को अब अपने CRS स्कोर को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक तरीके ढूंढ़ने होंगे। यह बदलाव उन हजारों भारतीयों के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा, जिन्होंने पहले इस मार्ग का इस्तेमाल करके कनाडा में काम करने और स्थायी निवास की उम्मीदें लगाई थीं।