रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर यूं ही रोक नहीं लगाई है। वॉलेट पेटीएम व करोड़ों रुपए के लेनदेन की वजह से फिनटेक कंपनी पर कार्रवाई की गई है। RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी कस्टमर अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद से पैसे जमा या टॉप अप ना लेने को कहा है।पेटीएम पर 1 पैन पर हजारों अकाउंट होने के आरोप लगे है, जिसकी जांच होने की आशंका है।
बता दें कि RBI ने बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 35ए के तहत मिले अधिकारों के बाद आरबीआई ने ये रोक लगाई है।
नियमों में लगातार अनदेखी की
रिपोर्ट के अनुसार RBO ने एक बयान में कहा कि यह कदम ऑडिट रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। ऑडिट में सामने आया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में लगातार नियमों की अनदेखी की गई। दो साल पहले आरबीआई ने 11 मार्च 2022 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए कस्टमर जोड़ने से रोक दिया था।
एक पैन पर हजारों अकाउंट ओपन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के पास लाखों की संख्या में गैर-केवाईसी अकाउंट थे और हजारों मामलों में कई अकाउंट्स खोलने के लिए एक ही पैन का इस्तेमाल किया गया था। ऑडिट में करोड़ों रुपये के लेनदेन का भी पता चला है, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं। ईडी इस मामले में जांच कर सकता है।
31 करोड़ इनएक्टिव ई वॉलेट
जानकारी मुताबिक पेटीएम पेमंट बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से 31 करोड़ इनएक्टिव हैं। सिर्फ चार करोड़ ई वॉलेट ही एक्टिव होंगे, वह भी बहुत कम जमा रकम के साथ। कहा गया है कि इनएक्टिव अकाउंट्स का यूज फेक अकाउंट के लिए किए जाने की आशंका है।
फिलहाल पैसे निकाल सकते है
हालांकि रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) समेत अन्य अकाउंट में जमा पैसों को निकाल सकते हैं या उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पेटीएम का मालिकाना हक वन97 कम्युनिकेशंस के पास है, जबकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड एक अलग कंपनी है, जिमसें वन97 कम्युनिकेशंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वॉलेट की रकम की वापसी के क्या क्या ऑप्शन हैं?
वॉलेट की रकम की वापसी का विकल्प नहीं है। वॉलेट में जितना रकम बचा है उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 29 फरवरी 2024 के बाद वॉलेट में रकम नहीं डाला जा सकेगा।
UPI facility को लेकर क्या फैसला हुआ है?
29 फरवरी, 2024 के बाद से यूपीआई फैसिलिटी जैसी बैंकिंग सर्विसेज, भारत बिल पे और फंड ट्रांसफर की सुविधा पर रोक रहेगी।