अब UPI से आप एक बार में 5 लाख रुपए तक की पेमेंट कर सकते हैं। RBI गवर्नर शशिकांत दास ने यह ऐलान किया है। इसका इस्तेमाल आप सिर्फ अस्पतालों और स्कूल-कॉलेजों में ही कर सकते हैं। पहले सिर्फ एक लाख रुपए तक का ही UPI से पेमेंट कर सकते थे। इसका मकसद मेडिकल और एजुकेशन सेक्टर में UPI का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ाने का है।
RBI गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए UPI के जरिये भुगतान की सीमा को मौजूदा के एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का फैसला किया गया है। इस बारे में जल्दी ही अलग से निर्देश जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुछ श्रेणियों को छोड़कर यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित है।
इन सैक्टर्स में छूट
इन सैक्टर्स में पहले से छूट है, उसमें कैपिटल मार्किट (संपत्ति प्रबंधन कंपनी, ब्रोकिंग, म्यूचुअल फंड आदि), क्रेडिट कार्ड भुगतान, कर्ज वापसी, ईएमआई, बीमा आदि शामिल हैं। इन मामलों में यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा दो लाख रुपये है।
केंद्रीय बैंक ने पूर्व में रिटेल डायरेक्ट स्कीम (RDS) और इनिशयल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए आवेदन को लेकर UPI के तहत भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था। आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज में बिना मध्यस्थों के निवेश की अनुमति है।
इस बार भी नहीं बढ़ाया रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) MPC ने एक बार फिर रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए यह बात कही। मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी (MPC) ने 6 से 8 दिसंबर तक हुई बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया।
MPC बैठक में RBI के मुख्य मुद्दे
- आरबीआई ने रेपो दर को लगातार पांचवीं बार 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।
- अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को भुगतान के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव।
- चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत किया गया।
- दिसंबर, मार्च तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत, छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान।
- 2023-24 के लिए औसत खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।
- मुद्रास्फीति का अनुमान अनिश्चित खाद्य कीमतों से काफी प्रभावित।
- सब्जियों की कीमतों में रुक-रुक कर होने वाले झटके एक बार फिर नवंबर और दिसंबर में कुल मुद्रास्फीति को बढ़ा सकते हैं।
- रुपये में 2023 में अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में कम उतार-चढ़ाव।
- एक दिसंबर को विदेशी मुद्रा भंडार 604 अरब डॉलर था।
- केंद्रीय बैंक सतर्क और परिस्थितियों के अनुरूप कदम उठाने को तैयार।
- भारत कई अन्य देशों की तुलना में अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में।
- प्रस्तावित आवर्ती भुगतान के लिए कुछ श्रेणियों में स्वत: पैसा कटने की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव।
- आरबीआई डेटा सुरक्षा, निजता को वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करेगा।
- अगली मौद्रिक नीति समिति बैठक 6-8 फरवरी, 2024 को होगी।