निजी एयरलाइन इंडिगो के एक पायलट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उड़ान के दौरान कृपाण ले जाने की अनुमति मांगी है। इस संबंध में उसने हाई कोर्ट से केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
कृपाण ले जाने की उठाई मांग
पायलट अंगद सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में अंगद ने दावा किया है कि उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता (religious freedom) है और इसी वजह से उन्हें अपने साथ कृपाण ले जाने का अधिकार है। मामले में जस्टिस नितिन साम्ब्रे और जस्टिस अभय मंत्री की पीठ ने सोमवार को केंद्र सरकार और एयरलाइन को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। वहीं पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2024 को तय की है।
कृपाण का क्या है महत्व
गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए 5 ककार अनिवार्य की थीं - केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा। कृपाण दो शब्दों से बना है कृपा और आन। गुरु गोविन्द सिंह जी ने जिस खालसा पंथ की स्थापना की थी, उसका एक अंग लड़ाका भी था, जिसका काम जनता पर हो रहे अत्याचार को रोकना था। ऐसे में कृपाण उनकी रक्षा के लिए बेहद विशेष अस्त्र माना गया।
2022 में जारी किए थे निर्देश
पायलट अंगद सिंह के वकील ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों में संशोधन की आवश्यकता है। क्योंकि 12 मार्च 2022 को सरकार ने सिख यात्रियों को एक विशेष आकार के कृपाण ले जाने की अनुमति दी थी। फिलहाल एयरपोर्ट या एयरलाइंस में काम करने वाले कर्मचारियों को कृपाण ले जाने की इजाजत नहीं है। याचिका में अंगद ने दावा किया है कि यह नियम उनके मौलिक अधिकारों (fundamental rights) का उल्लंघन करता है।