कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 की एंट्री भारत में हो चुकी है।वहीं वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। सबसे पहले केरल में इसका मामला सामने आया जिसके बाद गोवा और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इसके मामलों में तेजी से उछाल आए। वहीं इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry)ने राज्य सरकारों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है की सराकर ने यह स्पष्ट किया है कि फिलहाल बूस्टर डोज या चौथी वैक्सीन लेने की कोई जरूरत नहीं है। भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के प्रमुख एन.के. अरोड़ा ने बताया कि नए सब-वेरिएंट के सामने आने के बाद कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की कोई जरूरत नहीं है।
साथ ही डॉ. अरोड़ा ने बताया, केवल 60 साल से अधिक आयु के लोग, जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, वे एहतियाती तौर पर तीसरी डोज ले सकते हैं। इसके साथ ही अगर उन्होंने अभी तक एक भी डोज नहीं ली उन्हे चौथी डोज की जरूरत नहीं है। साथ में उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के इस नए सब-वेरिएंट के सामने आए मामले अधिक गंभीर नहीं हैं ।
कोरोना के नए मामले 4,000 पार
भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि यह आंकड़ा अब 4,000 के पार हो चुका ह। वहीं केरल में एक मौत की सूचना भी मिली है। आज सुबह पिछले 24 घंटों में 4,054 सक्रिय कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि रविवार को यह संख्या 3,742 थी।
कोविड का नया सब वैरिएंट JN.1 क्या है
डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के मुताबिक, JN.1 कोरोना का एक सब वैरिएंट है, जो ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BA.2.86 यानी पिरोला का वंशज है। भारत में पिरोला का पहला मामला अगस्त 2023 में मिला था।
पिरोला और JN.1 में पूरी समानताए हैं, सिर्फ एक अंतर है। JN.1 में एक स्पाइक प्रोटीन का म्यूटेशन हुआ है। स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन काफी मायने रखता है क्योंकि यही इंसान के रिसेप्टर सेल से जुड़ जाता है और वायरस को शरीर में प्रवेश कराता है। ICMR कै पूर्व वैज्ञानिक डॉ. ललित कांत के मुताबिक इस एक्स्ट्रा स्पाइक प्रोटीन की वजह से JN.1 के तेजी से फैलने की संभावना है।
कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं
बुखार
थकान
नाक बहना
गले में खराश
सिरदर्द
खांसी
कंजेशन
कुछ मामलों में स्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं