देश में कोविड-19 के 412 ताजा मामलों के जुड़ने से भारत में ऐक्टिव केस की संख्या 4,170 हो गई है। मंत्रालय के सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में तीन नई मौतों के बाद मरने वालों की संख्या 5,33,337 हो गई है। COVID-19 सब-वेरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, रविवार तक भारत में इस सब-वेरिएंट के कुल 63 मामलों का पता चला है।
राज्यों का हाल
कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के भी 69 मरीज हो गए हैं। इनमें कर्नाटक से 34, गोवा से 14, महाराष्ट्र से 9, 6 केरल से, 4 तमिलनाडु से और 2 तेलंगाना से हैं। कुल 4170 कोरोना मरीज देश के 21 राज्यों में हैं। वहीं इनमें से सबसे अधिक 3096 मरीज केरल में ही हैं।
अगले हफ्ते बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
देश में कोरोना के मामले अगले हफ्ते बढ़ सकते हैं, वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि जनवरी के पहले हफ्ते में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी भी हो सकती है। हालांकि यह आशंका इन्साकांग की रिपोर्ट के आधार पर ऑफिसर्स ने जताई है, जिसमें बताया है कि कोरोना वायरस का नया सब-वैरिएंटजेएन.1 भारत के 7 राज्यों में फैल गया है।
वहीं जालंधर के आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर अरुण कुमार ने कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 को लेकर कुछ जरूरी बाते बताई है। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए भीड़ वाले इलाके में मास्क पहन कर जाने की सलाह दी। साथ में उन्होंने हाथ को बार-बार धोने को कहा। वहीं सार्वजनिक स्थलों पर न थूकने तथा सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आने वाले लोगों तथा स्वास्थ्य कर्मियों को भी मास्क पहनने की बात कही।
कोविड का नया सब वैरिएंट JN.1 क्या है
डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के मुताबिक, JN.1 कोरोना का एक सब वैरिएंट है, जो ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BA.2.86 यानी पिरोला का वंशज है। भारत में पिरोला का पहला मामला अगस्त 2023 में मिला था।
पिरोला और JN.1 में पूरी समानताए हैं, सिर्फ एक अंतर है। JN.1 में एक स्पाइक प्रोटीन का म्यूटेशन हुआ है। स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन काफी मायने रखता है क्योंकि यही इंसान के रिसेप्टर सेल से जुड़ जाता है और वायरस को शरीर में प्रवेश कराता है। ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. ललित कांत के मुताबिक इस एक्स्ट्रा स्पाइक प्रोटीन की वजह से JN.1 के तेजी से फैलने की संभावना है।
कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं
कोविड वैरिएंट JN.1 में बुखार,थकान,नाक बहना,गले में खराश,सिरदर्द, खांसी,कंजेशन और कुछ मामलों में स्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं ।