फिरोजपुर मंडल के उच्च अधिकारियों ने सुच्ची पिंड रूकने वाली मालगाड़ी के मामले में लुधियाना के लोको पायलट और गार्ड पर एक्शन लेते हुए उनसे लिखित रूप में कारण पूछा है। दोनों ने जब इसका कोई स्पष्ट जवाब नही दिया तो उन्हें फिरोजपुर मंडल में तलब किया गया। जहां उनसे पूछताछ की गई।
39 किलोमीटर दूर चली गई थी मालगाड़ी
शनिवार को सुबह 5.15 मिनट पर मालगाड़ी सुच्ची पिंड के इडियन ऑयल में पहुंचनी थी। 1 घंटे तक अलावलपुर खड़ी रही और उसके बाद टांडा, दसूहा रेलवे स्टेशन भी पार कर गई। जब मुकेरियां क्रॉस हुई तो टांडा के एसएस ने लोको पायलट को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद 10.40 मिनट पर ट्रेन वापिस जालंधर सुच्ची पिंड स्टेशन पर पहुंची।
लुधियाना से लिया था मैमो
सूत्रों ने बताया कि लुधियाना हैडक्वार्टर के लोको पायलट विजय प्रताप और ट्रेन मैनेजर भवानी सिंह ने चार्ज मेमो लिया था। जिसलके बाद जब मालगाड़ी जालंधर पहुंची तो दोनो ने मैमो की तरफ ध्यान नहीं दिया। जिस कारण ट्रेन जम्मू की तरफ रवाना कर दी गई।
ये भी जानकारी मिली है कि अंबाला स्टेशन से जब ट्रेन निकली तो उसे जम्मू रेलवे स्टेशन का ही सिग्नल कंप्यूटर में से दिया गया था। लेकिन मैमो में जालंधर IOSJ लिखा हुआ था। जिसका कोड लोको पायलट और गार्ड सही ढंग से पड़ नहीं पाए और न ही किसी से पूछा। जिस कारण ये बड़ी लापरवाही हुई है।
जालंधर की बजाय गांधीधाम पहुंची थी मालगाड़ी
आपको बता दें कि 23 मार्च को हवाई जहाज के 47 और 3 डीजल के टैंकर लेकर गांधीधाम से जालंधर सुच्ची पिंड के इंडियन ऑयल आ रही मालगाड़ी मुकेरियां की तरफ चली गई थी। जिसके बाद पूरे रेलवे में हड़कंप मच गया।