सीएम इन वेटिंग नवजोत सिंह सिद्धू के कारण पंजाब कांग्रेस एक बार फिर फूट के मुहाने पर खड़ी है। जहां, पंजाब के ज्यादातर कांग्रेसी आप से समझौते के खिलाफ हैं, वहीं सिद्धू इसके पक्ष में खड़े हैं। प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की कमेटी ने मंगलवार देर शाम हुई बैठक में आप के साथ पंजाब में समझौते और नवजोत सिद्धू के सेल्फ गोल पैट्रन की शिकायत और कार्रवााई का मुद्दा उठा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ नई दिल्ली में हुई पंजाब की पार्टी राजनीतिक मामलों की कमेटी की बैठक में पूर्व प्रधान राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत लगभग 2 दर्जन पार्टी नेता शामिल हुए। बैठक में पंजाब कांग्रेस नेताओं ने आप के साथ गठबंधन न करने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इससे कांग्रेस को नुकसान ही होगा।
आप से गठबंधन का विरोध
मीटिंग में करीब 40 लीडर मौजूद थे, जिनमें से 13 ने कहा कि हमें गठबंधन से बचना चाहिए। नेताओं का कहना था कि 'आप' सरकार बदले की कार्रवाई हमारे लोगों पर कर रही है। ऐसी स्थिति में हमें उससे हाथ नहीं मिलाना चाहिए। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ सांसदों ने गठबंधन के पक्ष में राय रखी। इस पर राहुल गांधी और खड़गे ने नेताओं को भरोसा दिलाया कि पंजाब पर आखिरी फैसला लेने से पहले आप लोगों की राय जरूर ली जाएगी।
गठबंधन को लेकर पंजाब कांग्रेस में कलह
पंजाब में आप के साथ गठबंधन को लेकर पंजाब कांग्रेस में विरोध है। दरअसल महागठबंधन के तहत राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग तैयार नहीं, जबकि नवजोत सिद्धू और रवनीत बिट्टू ने हामी भरी है। कुछ नेताओं का कहना है कि अगर राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन होता है तो पार्टी को बड़ा नुक्सान झेलना पड़ सकता है।
सिद्धू कर चुके समर्थन
नवजोत सिंह सिद्धू आप के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन के हक में हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि वो हाईकमान के आदेशों पर बतौर सिपाही गठजोड़ के लिए काम करेंगे। कांग्रेस का अगर आप के साथ समझौता होता है तो पार्टी में नाराजगी भी बढ़ेगी। ऐसे में नए प्रभारी के लिए पार्टी को एक दिशा में लेकर जाना बड़ी चुनौती बनेगी। नवजोत सिंह सिद्धू और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा के हाल ही के विरोधी बयानों से पंजाब कांग्रेस में कलह छिड़ी हुई है। इस कारण पंजाब में हालात बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो गए हैं।
सिद्धू ने की थी अलग रैली
पिछले दिनों सिद्धू ने कांग्रेस से अलग रैली की थी, जिसकी राहुल गांधी के सामने भी शिकायत हुई है। प्रताप सिंह बाजवा समेत कई नेताओं ने इसे लेकर बात की। इन नेताओं ने कहा कि गठबंधन के मसले पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। अनुशासनहीनता भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। पार्टी नेताओं ने कहा कि हमें 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अनुशासनहीनता की कीमत चुकानी पड़ी थी। इससे पहले भी बाजवा ने सिद्धू को अलग अखाड़ा न लगाने की नसीहत दी थी।
सिद्धू ने इस रैली में पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कई अन्य नेताओं पर तीखे बाण चलाए थे। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को ही मीडिया में पार्टी के मसलों पर राय रखने का अधिकार है। वड़िंग ने दो से तीन महीने पहले उम्मीदवार के ऐलान की बात रखी।
नाम लिए बगैर वड़िंग का सिद्धू पर हमला
मीटिंग से पहले अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बिना नाम लिए नवजोत सिद्धू पर बड़ा हमला बोला। वड़िंग ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए निजी विचार नहीं दे सकते। अगर विचार देने हैं तो पार्टी छोड़ कर दें। जो अनुशासन तोड़ेगा, उस पर 100 परसेंट कार्रवाई होगी। अगर तालमेल नहीं होगा तो पार्टी को नुक्सान होगा, क्योंकि पिछली बार अलग बयानबाजी के कारण ही नुक्सान हुआ था।