होटल हो, ऑफिस हो या फिर रहने के लिए बनी हुई बड़ी-बड़ी बिल्डिंग। आजकल हर जगह सीढ़ियों को अक्सर ऐसी जगह बनाया जाता है. जहां से वो आपको सीधे नजर न आएं। जबकि लिफ्ट और एस्केलेटर ऐसी जगह बने होते हैं, जहां आप की नजर आसानी से जाती है और ज्यादातर लोग आने-जाने के लिए सीढ़ियों की बजाय लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन दिन भर काम करते हुए एक ही जगह पर बैठे रहने के बीच उठकर कहीं जाने के लिए अगर लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल कर लिया जाए या फिर शॉपिंग मॉल बाकी जगहों पर कुछ मंजिल सीढ़ियों से पार कर ली जाएं तो ये अपने आपको सुपर चार्ज करने का एक बेहतरीन तरीका है। सीढ़ियों से चढ़ना-उतरना कई एक्सरसाइज के बराबर ही फायदेमंद है। दरअसल, सीढ़ियां चढ़ने से शरीर के कई अंगों की एक्सराइज होती है। साथ ही आप कई गंभीर रोगों से भी बचे रहते हैं।
दिल के लिए फायदेमंद है सीढ़ियां चढ़ना
आज के समय में हृदय संबंधित बीमारियां जैसे आम हो गई है। खराब लाइफस्टाइल, लंबे समय तक बैठकर काम करना और इस वजह से फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होना जैसे कई फैक्टर हैं, जो हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ाते हैं। ऐसे में अगर आप हफ्ते में एक बार भी किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी जैसे साइकलिंग या वॉकिंग को वक्त नहीं दे पाते हैं तो सीढ़ियों पर चढ़ना एक अच्छा तरीका है, दिल की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने का। इससे दिल की बीमारियों का जोखिम काफी कम हो सकता है। जब आप सीढ़ियों पर चढ़ते हैं तो शरीर ज्यादा मेहनत करता है और कम समय में एक अच्छे वर्कआउट का रिजल्ट मिल सकता है।
वजन होता है कम
एक शोध के अनुसार, जो लोग लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों के सहारे चढ़ते-उतरते हैं, उनमें चर्बी कम होती है। रोजाना दो से तीन मिनट सीढ़ियां चढ़ने से 30 की उम्र के बाद बढ़ने वाले मोटापे की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है। स्टैमिना बढ़ती है।
पाचन में होता है सुधार
ऑफिस में खाने के लिए बाहर जाते वक्त और आते वक्त लिफ्ट को छोड़कर सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। इससे आपको खाना पचाने में आसानी होगी और आप पेट संबंधी समस्याओं से बचे रहते हैं। सीढ़ियां चढ़ने से मेटाबॉलिज्म रेट में सुधार आता है, जिससे वजन को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है और आप फिट बने रहते हैं।
मसल्स को फायदा
एक बोरिंग और इनएक्टिव दिन के बीच में सीढ़ियां चढ़ना और उतरना बॉडी मूवमेंट करना का एक शानदार तरीका है। इससे मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है, साथ ही स्टेमिना भी बढ़ता है। सीढ़ियां चढ़ने के दौरान आपके बॉडी के निचले हिस्से की मसल्स जैसे हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और क्वाड्स मजबूत और टोन्ड बनती हैं। रिपोर्ट्स कहती हैं कि जिस तरह स्क्वाट्स करने से फायदा होता है, उतनी ही समानता सीढ़ियां चढ़ने में है।
उम्र बढ़ती है
सीढ़ियां चढ़ने से उम्र बढ़ती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन सीढ़ियां चढ़ता है, तो इससे असमय होने वाली मौत की संभावना 33 फीसदी तक कम हो जाती है। वहीं प्रतिदिन कोई व्यक्ति लगभग 1.3 मील चलता है, तो मौत की संभावना सिर्फ 22 फीसदी ही कम होती है। चलने के मुकाबले में सीढ़ियां चढ़ने से हम तीन गुना ज्यादा ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं।
शांति और खुशी महसूस होती है
अब आप ये सोच रहे होंगे कि सीढ़ियां चढ़ने से तो आदमी थकता है, हांफने लगता है। भला, कोई खुश कैसे होगा? कई शोध के अनुसार, जब हम सीढ़ियां चढ़ते हैं, तो उस प्रक्रिया में शरीर एक विशेष हार्मोन ‘एंडोर्फिंन्स’ रिलीज करता है। एंडोर्फिन्स दिमाग को शांत रखता है और खुशियों का संचार करता है। ऐसे में यदि आप सेहतमंद रहने के साथ-साथ खुशियों में इजाफा करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करें।
इस बात का रखें ध्यान -
सीढ़ियां चढ़ना और उतरना वजन को कंट्रोल में रखने से लेकर कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी स्पीड से और कितनी देर तक सीढ़ियां चढ़ते हैं. इसके साथ ही व्यक्ति की हेल्थ, उम्र और स्थिति पर भी यह निर्भर करता है कि उसे कितना फायदा पहुंचेगा।