पंजाब के किसानों को शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए 4 महीने से ज्यादा हो गए है। आज जब शंभू बॉर्डर पर किसान संगठनों की ओर से धरने में स्थित उस समय तनावपूर्ण हो गई जब शंभू बॉर्डर के आसपास के गांवों के लोग और कारोबारी इकट्ठा होकर किसानों के धरना स्थल पर पहुंच गए और बॉर्डर को खोलने की मांग करने लगे।
बीजेपी के आदमी होने का लगाया आरोप
वहीं किसानों ने आरोप लगाया कि धरने को खराब करने के लिए ये बीजेपी सरकार के आदमी हैं। उधर, शंभू बॉर्डर खोलने की मांग करने वाले लोगों ने किसानों से बहस शुरू कर दी और कहा कि ये वही किसान हैं जो धरनास्थल पर रोजाना लंगर और पानी का देते है।
बॉर्डर पर दोपहिया वाहनों की क्रॉसिंग की कर रहे मांग
आज किसानों द्वारा उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। गांव वासियों ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर दोपहिया वाहनों की क्रॉसिंग को लेकर पहले भी मांग पत्र दिया था, जिस पर आज तक किसान नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, इसलिए आज सभी गांवों के लोगों और व्यापारियों ने एकजुट होकर शंभू बॉर्डर खोलने की मांग लेकर पहुंचे थे। इलके अलावा उन्होंने बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप लगाया।
बॉर्डर को चारों तरफ से जाम करने की चेतावनी
जब किसानों और गांव के कारोबारियों के बीच बहस शुरू हो गई तो उसके बाद गांव वालों और व्यापारियों ने सड़क जाम कर दी और कहा कि अगर ये रास्ता नहीं खोला गया तो वो आने वाले दिनों में शंभू बॉर्डर को चारों तरफ जाम कर देंगे।