जालंधर में किसानों का गन्ने के रेट बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों ने अब 12 बजे रेल ट्रेक बंद कर दिया है। वहीं चंडीगढ़ में वित्त मंत्री हरपाल चीमा की किसानों की के साथ बैठक हुई, जिसमें उन्होंने किसानों को भरोसा दिया की गन्ने की कटाई शुरू होने के बावजूद मिलों का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
इस बैठक में किसानों ने गन्ने से जुड़ी अपनी दो मांगें रखी और कहा कि गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) 450रुपए तुरंत तय किया जाए और मिलें चलाई जाए। जिस पर वित्त मंत्री ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि दो तीन दिन के अंदर मिलें चालू कर दी जाएंगी, लेकिन गन्ने की कीमत को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी और इस पर विचार किया जाएगा।
सरकार ने 75 करोड़ किए थे जारी
आपको बता दें कि पंजाब के वित्त विभाग ने शुगरफेड को 75 करोड़ रुपए जारी किए थे। पंजाब के सरकारी मिलों पर किसानों की बकाया राशि थी। सीएम भगवंत मान ने 7 सितंबर तक सारी बकाया राशि जारी करने की बात कही थी। सरकार किसानों को 200 करोड़ रुपए पहले ही दे चुकी है लेकिन अब पंजाब की सरकारी शुगर मिलों पर किसानों की बकाया राशि नहीं है।
सरकार कर पाएगी 450रु एमएसपी
जालंधर में गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपए करने की मांग को लेकर किसान तीसरे दिन भी हाईवे पर बैठे है। गन्ने की एमएसपी केंद्र सरकार की ओर से 315 रुपए रखी गई है जिस पर स्टेट एग्रीड प्राइस देकर इसे 380 दिया जाता है। यानी जो 65 रुपए ज्यादा दिया जा रहा हैं उसमें 25 रुपए चीनी मिलों ने और 40 रुपए प्रति क्विंटल राज्य सरकार ने देने हैं, लेकिन यही कीमत न तो सरकार समय पर देती है और न ही चीनी मिलें। इसलिए किसान गन्ने की बकाया राशि लेने को आंदोलित रहते हैं।