ख़बरिस्तान नेटवर्क, चंडीगढ़ : किसानों ने अपनी मांगों को लेकर अंबाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना दिया है। बता दें कि बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्सन किया। जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हो गया है।
लालड़ू के पास किसानों के इस धरने के दौरान पुलिस की किसानों के साथ मारपीट की भी सूचना है। पुलिस किसानों को हाईवे से हटाने का प्रयास कर रही है। वहीं, किसानों ने पूरे पंजाब में ट्रेनों का भी चक्का जाम कर दिया है, जिसके चलते ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर पंजाब के 19 किसान-मजदूर संगठनों ने 28 से 30 सितंबर तक ट्रेन रोको आंदोलन शुरू किया है। बीते दिन भी किसानों ने ट्रेनों के पहिए जाम कर दिए, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ट्रेनों का जाम
इसी तरह आज भी किसान पूरे पंजाब में रेलवे लाइनों पर बैठे हुए हैं। रेलवे ट्रैक जाम के बाद दिल्ली से अमृतसर, पठानकोट से अमृतसर और पंजाब से चंडीगढ़, जालंधर, लुधियाना से मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का आदि सभी रूट पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
यात्री परेशान
आपको बता दें कि पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के जाम के कारण सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। गुरुवार को जहां करीब 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं, वहीं शुक्रवार को 90 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित होने वाली हैं। जिनमें से 80 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
किसानों की मांगें
किसानों का कहना है कि बाढ़ से फसलों का काफ़ी नुकसान हुआ है और बहुत सारे किसानों की न तो अभी तक गिरदावरी हुई है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। जिन्हें मिला भी है, वह बहुत कम है। इसके साथ ही उनका कहना है कि कम से कम प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजा किसानों को दिया जाए। साथ ही केंद्र सरकार भी बाढ़ से हुए नुकसान के लिए 50 हजार करोड़ रुपए पंजाब को दे।
विरोध का समर्थन करने वाले किसान संगठनों में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन, आजाद किसान समिति दोआबा, भारती किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन, किसान महापंचायत (हरियाणा), पगड़ी संभाल जट्टा (हरियाणा) शामिल हैं। प्रगतिशील किसान मोर्चा (उत्तर प्रदेश), भूमि बचाओ मुहिम (उत्तराखंड) और राष्ट्रीय किसान संगठन (हिमाचल प्रदेश)।
पंजाब भर में किसान संगठनों ने गुरुवार से 17 स्थानों पर ट्रेनों के पहिए जाम कर सरकार के खिलाफ तीन दिवसीय आंदोलन शुरू कर दिया है। रेलवे ट्रैक पर किसानों की ओर से दिया जा रहा धरना आज दूसरे दिन भी जारी है। वहीं जानकारी के मुताबिक तकरीबन 90 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।
किसान नेता सलविंदर सिंह जानिया ने कहा कि तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व उत्तर भारत के 18 संगठनों के नेता कर रहे हैं. बातचीत के दौरान किसान नेता ने कहा कि दिल्ली मार्च के दौरान बनी एमएसपी की गारंटी पर कानून बनाने की अधूरी मांग को पूरा करना और किसानों-मजदूरों की पूरी कर्ज मुक्ति, उत्तर भारत में हेरोइन जैसे घातक नशे पर नियंत्रण समेत पंजाब, दिल्ली आंदोलन। इस दौरान बनाए गए मुकदमों को रद्द कर लखीमपुर हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। किसान नेताओं ने कहा कि उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों को पर्याप्त मदद मुहैया कराने में मोदी सरकार की विफलता के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई है। इसलिए तुरंत 50 हजार करोड़ का राहत पैकेज दिया जाए।
17 जगहों पर किसानों ने ट्रेनें जाम कीं
पंजाब भर में किसान संगठनों ने गुरुवार से 17 स्थानों पर ट्रेनों के पहिए जाम कर सरकार के खिलाफ तीन दिवसीय आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि आज चंडीगढ़ में 19 किसान संगठनों की बैठक हो रही है और बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक किसान अगला कदम उठाएंगे. इस बीच किसानों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को और भी बढ़ाया जा सकता है l