लोकसभा चुनाव 2024- जालंधर पंजाब के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं। इस क्षेत्र का नाम महाभारत काल के एक राक्षस के नाम पर रखा माना जाता है। जालंधर सीट से संतोख सिंह चौधरी सांसद थे। 72 साल के संतोख सिंह चौधरी ने 18 मई 2014 को अपने संसद पद की शपथ ली थी। जनता ने उन्हें 70 हजार से ज्यादा वोटों से जीता कर लोकसभा भेजा था। साल 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें 380479 वोट मिले थे।
4 बार से कांग्रेस रही सीट पर
पिछली 4 बार से कांग्रेस इस सीट पर जीतती रही है। 2014 और 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार कर्मजीत कौर चौधरी के पति संतोख सिंह चौधरी यहां से चुनाव जीते। हालांकि उनके निधन के बाद कांग्रेस सीट गंवा बैठी।
2023 में हुई कायापलट
बता दें कि पिछली चार बार से कांग्रेस इस सीट पर जीतती रही है, लेकिन 10 मई 2023 को हुए लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू ने कांग्रेस उम्मीदवार कर्मजीत कौर चौधरी को 58,691 वोटों से हरा दिया।
परिचय : जालंधर पंजाब का सबसे पुराना और तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह एक बड़ा औद्योगिक शहर होने के साथ ही खेल की वस्तुओं के अधिक उत्पादन के कारण विश्वभर में विख्यात है। इस शहर ने देश को कई वीर योद्धा दिए हैं। इसका संबंध महाभारत काल से भी रहा है, तब इसे प्रस्थल के नाम से जाना जाता था। पर्यटकों के लिए यहां कई मंदिर, गुरूद्वारे और संग्रहालय हैं।
जनसंख्या : साल 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 21 लाख 81 हजार 753 है, हालांकि एक अनुमान के मुताबिक जनसंख्या 23 लाख से ज्यादा है।
अर्थव्यवस्था : इस क्षेत्र में चमड़े और खेल के सामान का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है। अन्य उद्योगों में मुख्य रूप से बसों के ढांचे बनाना, परिवहन उपकरणों(Spare Parts) का उत्पादन और कृषि पर आधारित उत्पाद शामिल हैं। यह पर्यटन के लिए भी एक महत्वपूर्ण शहर है।
मतदाताओं की संख्या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुताबिक यहां संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 15 लाख 51 हजार 497 है, जिसमें 8 लाख 8 हजार 530 पुरुष और 7 लाख 42 हजार 967 महिलाएं हैं।
भौगोलिक स्थिति : यह शहर देश के पश्चिमोत्तर में स्थित है। शहर का पश्चिमी भाग पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 228 मीटर है। यह चंडीगढ़ से 150 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में और देश की राजधानी दिल्ली से 369 किलोमीटर की दूरी पर है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट कांग्रेस के संतोख सिंह चौधरी सांसद चुने गए। 9वीं और 12वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में यहां से पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजरात भी यहां से सांसद चुने गए थे।
आपको बता दें कि जालंधर लोकसभा सीट कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के कारण खाली हुई थी। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) दोनों ने सहानुभूति कारक पर अपनी उम्मीदें लगाए हुए थे। जबकि आप 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक बूस्टर शॉट के रूप में चुनाव जीतना चाहती थी और उन्हें बड़ी जीत मिली है।
54.70 प्रतिशत हुआ था मतदान
10 मई 2023 को हुए उपचुनाव में 54.70 प्रतिशत मतदान हुआ था। 16,21,800 योग्य मतदाताओं में से 8,87,154 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
जालंधर सीट से अब तक के विजेता
-1952 में गठित पहली लोकसभा में जालंधर के सांसद कांग्रेस के पंडित अमरनाथ थे। इसके बाद 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा।
-1977 में पहली बार इकबाल सिंह ढिल्लों विदेश मंत्री रहे कांग्रेस के स्वर्ण सिंह को हराकर संसद पहुंचे। यही वह दौर था, जब पहला गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बना था।
- 1989 में इंद्र कुमार गुजराल दूसरे गैर कांग्रेसी सांसद थे। वह 1998 में भी इस सीट से सांसद रहे, लेकिन उन्हें विपक्ष में नहीं बैठना पड़ा। कारण था उनका प्रधानमंत्री बन जाना।
-1996 में शिरोमणि अकाली दल के दरबारा सिंह ने जालंधर लोकसभा से जीत हासिल की। वह पहले ऐसे सांसद बने, जिन्हें विपक्ष में बैठना पड़ा।
- 1999 में कांग्रेस के बलबीर सिंह ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिअद की प्रभजोत कौर को शिकस्त दी।
- 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के बेटे नरेश गुजराल को शिअद ने मैदान में उतारा था, जिन्हें हराकर कांग्रेस के राणा गुरजीत सिंह संसद पहुंचे।
- अकाली दल ने 2009 में हंस राज हंस को कैंडीडेट बनाया था, जो सिख वोट पाने में नाकाम रहे। मोहिंदर सिंह केपी ने कांग्रेस के टिकट से जीत का परचम लहराया।
- फिर 2014 में मोदी लहर के बीच भी पवन कुमार टीनू को 70981 वोटों से हराकर संतोख सिंह चौधरी ने कांग्रेस का दबदबा जारी रखा।
- जालंधर लोकसभा में 9 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें फिल्लौर , नकोदर, शाहकोट, करतारपुर (सुरक्षित), जालंधर पश्चिमी, जालंधर सेंट्रल, जालंधर नॉर्थ, जालंधर कैंट और आदमपुर है।