दिल्ली में I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में भले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया हो, लेकिन पंजाब में दोनों पार्टियां हाथ मिलाने के लिए अंदरखाते तैयार नहीं है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के सभी 13 सीटें जीतने के बयान ने पहले ही पंजाब की सियासत को गर्मा दिया है। वहीं कांग्रेस के ज्यादातर नेता भी यहां आप के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं चाहते हैं।
बता दें कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। दोनों ही जगह आप अच्छी पॉजीशन में हैं। इसलिए पंजाब और दिल्ली में आप का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है। वहीं सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायक दिल्ली गए हैं, वे पंजाब में दोनों पार्टियों के बीच गठजोड़ का विरोध कर रहे हैं। इनमें जालंधर के एक सीनियर कांग्रेस नेता भी शामिल हैं।
सीट शेयरिंग को लेकर मचेगा घमासान
I.N.D.I.A बैठक में भी सभी 28 पार्टियों ने मिलकर 30 दिसंबर तक सीट शेयरिंग पर फैसला लेने का समय तय किया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस देश में 250 से 300 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती है, जबकि बाकी करीब 250 सीटें बाकी 27 दलों के बीच बांटने के लिए छोड़ रही है।
दिल्ली और पंजाब में भी दोनों पार्टियों को सीटें छोड़नी पड़ेंगी। दिल्ली और पंजाब में मजबूत पोजीशन होने के कारण आप ज्यादा सीटों की डिमांड भी कर सकती है। फिल्हाल दोनों राज्यों में आप कांग्रेस में 50-50 का दावा है।
कांग्रेस के विरोध का ये कारण
कांग्रेस के सीनियर नेता पंजाब में आप के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार नहीं है। वह लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता आम आदमी पार्टी के एक्शन से नाराज हैं। आप सरकार ने उनके कई नेताओं को विजीलेंस जांच के बाद जेल में डाल दिया है और कईयों पर अभी शिकंजा कसने की तैयारी है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने पंजाब में कांग्रेसी नेताओं पर कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है। इसलिए वह आप के साथ हाथ नहीं मिलाना चाहते।
दोनों तरफ से नेताओं का कटेगा पत्ता
आप और कांग्रेस के बीच समझौता होने की सूरत में दोनों पार्टियों के नेताओं का पत्ता कटेगा। समझौता होता है तो पंजाब की 13 और चंडीगढ़ की एक सीट मिलाकर कुल 14 सीटों को दोनों पार्टियों में बराबर बांटा जाएगा। जिससे कांग्रेस और आप को 7-7 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस अभी तक लोकसभा का पंजाब में अकेले ही चुनाव लड़ती रही है। सभी सीटों पर कांग्रेसी नेता लोकसभा की तैयारी में जुटे हैं। अगर सीटें बंटती हैं तो कई सांसदों की टिकट कटना तय है।
जालंधर लोकसभा सीट होगी हॉट केक
सीट शेयरिंग में जालंधर की सीट को लेकर बड़ा सवाल खड़ा होगा। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली जालंधर लोकसभा सीट अभी तक कांग्रेस के पास ही थी, जोकि सांसद स्व. चौधरी संतोख सिंह के निधन के बाद आम आदमी पार्टी के पास चली गई है।
आप के सांसद सुशील रिंकू ने सीट जीतकर अपनी दावेदारी को पुख्ता किया है। कांग्रेस भी जालंधर से चुनाव लड़ना चाहती है। चर्चा है कि पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। आलाकमान की बैठक में ये सीट किसकी झोली में जाएगी ये देखना अहम होगा।
मालवा और चंडीगढ़ की सीटों पर आप की नजर
पार्टी सूत्रों की मानें तो समझौता होने पर आप मालवा की 6 और चंडीगढ़ की एक सीट अपने पास रखेगी। पंजाब में विधानसभा चुनाव में कुल 92 सीटों में से ज्यादातर सीटें आप ने मालवा से ही जीती हैं। संभावना है कि आप मालवा की ही 6 सीटों पर चुनाव लड़े।
बता दें कि बीते दिनों ये बात सामने आई थी कि चंडीगढ़ से आम आदमी पार्टी की तरफ से सांसद राघव चड्ढा की पत्नी व सिने स्टार परिणीति चोपड़ा उम्मीदवार हो सकती हैं। भाजपा में भी चंडीगढ़ से सिने स्टार कंगना रनौत लड़ाने की चर्चा है।
एक सीट-एक उम्मीदवार फॉर्मूला
देश में I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने एक सीट-एक उम्मीदवार उतारने का फार्मूला निकाला है। सीटों की शेयरिंग इसी आधार पर होनी है। क्योंकि हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में गठबंधन से जुड़ी पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और इसका नतीजा भी देख लिया।
कांग्रेस भी सीधे मुकाबले में तीन राज्यों में चुनाव हार गई। वहीं पार्टी विस्तार में लगी आम आदमी पार्टी अपने 200 से ज्यादा उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बचा पाई। उसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में एक प्रतिशत से भी कम वोट हासिल हुए। इसलिए अब गठबंधन चाहता है कि लोकसभा में एक सीट से एक ही पार्टी का संयुक्त उम्मीदवार उतारा जाए, ताकि भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।