Ram Mandir Opening : श्रीराम मंदिर के “निमंत्रण” को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फ़ैसला है, आज दिल टूट गया। उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय है। कांग्रेस ने इससे दूरी बनाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी का कार्यक्रम है और वह इस संदर्भ में आए आमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करती है। हालांकि कांग्रेस के इस फैसले से उसकी अपनी पार्टी के नेता खुश नहीं हैं। कांग्रेस की यूपी इकाई के नेता प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- आज दिल टूट गया।
क्या राम BJP के हैं?
किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर माँ पवित्रा नंद गिरी ने भी प्रतिक्रिया दी। जिसके दिल में राम वो रामनगरी में होगा.जिसके दिल में राम नहीं वो अफ़सोस करेगा कि क्यों नहीं गये। ये विरोधी सोच के हैं। ये कहानी बना ली गई है कि बीजेपी का इवेंट है। ये उनकी सोच है। हम राम लला को महल में ला रहे हैं। वहीं हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ये लोग राम द्रोही हैं। इन्हें बुलाना ही नहीं चाहिए था। क्या भगवान राम बीजेपी के हैं? अगर ये कभी आये तो इनको जूतों की माला पहनायेंगे।
'वह खुद पछताएंगे'
कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "...उन्हें गंभीरता से क्यों लें? अगर वे नहीं जाएंगे तो खुद पछताएंगे..." बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे वो बहाना कुछ भी बना सकते हैं। ये कार्यक्रम न्यास का है। न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम साहब को आमंत्रित किया है। उदघाटन तो उनके हाथ से होना ही चाहिए था।