आजकल की खराब लाइफस्टाइल और खान-पीन की वजह से लोग कई सेहत समस्याओं से परेशान है। इन्हीं समस्याओं में से एक स्ट्रोक की समस्या होना भी है। स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जिसमें व्यक्ति की जान जाने का खतरा अधिक होता है। वहीं यह समस्या तब होती है जब इंसान के दिमाग में सही से खून नहीं पहुंच पाता है।
लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में चौकाने वाली खबर सामने आई है। इस रिसर्च के मुताबिक खराब लाइफस्टाइल और खान-पीन ही नहीं कुछ नॉन ट्रेडिशनल फैक्टर्स भी स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं जिनमें माइग्रेन भी शामिल है।
यही वजह है कि इनदिनों युवाओं में भी स्ट्रोक की समस्या अधिक बढ़ी है। आइए जानते हैं रिसर्च में स्ट्रोक को लेकर क्या पाया गया है और स्ट्रोक की समस्या होने पर किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं।
जानिए क्या है पूरी रिसर्च
बता दें कि यह स्टडी कार्डियोवैस्कुलर क्वालिटी एंड आउटकम्स में पब्लिश हुई है। इस रिसर्च के मुताबिक युवाओं में नॉन ट्रेडिशनल फैक्टर्स की वजह से स्ट्रोक का जोखिम अधिक रहता है। वहीं स्टडी में शोधकर्ताओं ने 55 साल से कम उम्र के व्यक्तियों में स्ट्रोक के जोखिमों का पता लगाने के लिए करीब 2600 स्ट्रोक और 7800 कंट्रोल्ड मामलों का विश्लेषण किया है।
इस स्टडी में ये भी पाया गया कि पुरुषों में स्ट्रोक के नॉन ट्रेडिशनल रिस्क फैकटर्स में माइग्रेन, किडनी फेलियर और थ्रॉम्बोफिलिया शामिल थे तो वहीं महिलाओं में माइग्रेन, थ्रॉम्बोफिलिया और मैलिग्नेंसी स्ट्रोक की वजहों में शामिल थे। इतना ही नहीं नॉन ट्रेडिशनल रिस्क फैक्टर्स में माइग्रेन की वजह से स्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले पाए गए।
क्या होता है नॉन ट्रेडिशनल रिस्क फैक्टर्स
नॉन ट्रेडिशनल रिस्क फैक्टर्स वे फैक्टर्स होते हैं जिनकी वजह से लोगों को काफी कम रिस्क होता है। लेकिन इस स्टडी के मुताबिक नॉन ट्रेडिशनल फैक्टर्स की वजह से 18-34 साल के युवाओं में स्ट्रोक के ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं।
बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ यह खतरा कम होने लगते हैं। इतना ही नहीं 44 साल के बाद के व्यक्तियों में ट्रेडिशनल रिस्क फैक्टर्स को स्ट्रोक के लिए ज्यादा जिम्मेदार पाया गया है।
क्या होता है स्ट्रोक
बता दें कि स्ट्रोक तब होता है जब आपके मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। स्ट्रोक का प्रभाव मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त हिस्से और क्षति की मात्रा पर निर्भर करता है।
यह जानने से कि आपका मस्तिष्क कैसे काम करता है, आपको अपने स्ट्रोक को समझने में मदद मिल सकती है।
स्ट्रोक होने पर नजर आते हैं ये लक्षण
व्यक्ति खड़े होने पर सही से अपना संतुलन न बना पाना
धुंधला दिखाई देना या हर चीजे दो-दो नजर आना
स्माइल करने पर फेस का एक हिस्सा टेढ़ा नजर आना
बांह में कमजोरी होना
बोलने में कठिनाई होना
अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।