ख़बरिस्तान नेटवर्क : पंजाब सरकार की सख्ती के बाद किसानों के 13 महीने से चल रहे आंदोलन को खत्म कर दिया है। शंभू और खनौरी बॉर्डर को दोबारा खुलवाया जा रहा है। सरकार की इस कार्रवाई के बाद पंजाब के इंडस्ट्रियल काफी खुश हैं और उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। क्योंकि किसानों के आंदोलन से राज्य को 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
हाईवे बंद होने से लागत बढ़ी
किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब की इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। क्योंकि शंभू-खनौरी बॉर्डर से ही पूरी सप्लाई होती थी, पर उसके बंद होने के कारण दूसरे रास्तों से सप्लाई करवानी पड़ी। जिसका असर प्रोडक्शन लागत पर पड़ा और वह बढ़ गई।
बड़े ऑर्डर मिलना हुए बंद
दिल्ली से पंजाब को काफी कारोबार मिलता था। दोनों हाईवे बंद होने से पंजाब के कारोबारियों का दिल्ली के बड़े कारोबारियों से लिंक टूट गया। जिसका फायदा हरियाणा ने उठाया, कारोबारियों ने पंजाब की जगह हरियाणा को तरजीह देनी शुरू कर दी। जिससे हरियाणा की इंडस्ट्री तेजी से बढ़ी और पंजाब की ग्रोथ रफ्तार धीमी पड़ गई।
हरियाणा को मिला किसान आंदोलन का फायदा
किसान आंदोलन के कारण सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा को मिला है। हरियाणा का कारोबार 23 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 85 हजार करोड़ रुपए हो गया। जबकि वहीं पंजाब का कारोबार इस दौरान 14 हजार करोड़ से सिर्फ 23 हजार करोड़ तक की ही ग्रोथ कर पाया।
सरकार के फैसले से बढ़ेगा कारोबार
पंजाब के कारोबारियों का कहना है कि सरकार के फैसले के बाद एक बार फिर से राज्य तरक्की की ओर बढ़ेगा। इससे हर इंडस्ट्री ग्रो करेगी और ज्यादा से ज्यादा पंजाब में निवेश होगा। जो ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो गया था उससे भी राहत मिलेगी और प्रोडक्शन लागत कम होगी।