चंडीगढ़ में किसान संगठन 18 जनवरी से पंजाब में गिरते पानी के स्तर को लेकर अपना प्रदर्शन करेंगे। किसान 8 जनवरी को चंडीगढ़ के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। साथ ही पंजाब के गांवों में इस प्रदर्शन की जानकारी के लिए एक लाख पोस्टर भी बांटे जाएंगे। किसान संगठन पानी के साथ साथ चंडीगढ़ के फेडरल स्ट्रक्चर का मुद्दा भी उठांएगे।
किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर पंजाब से पानी दूसरे राज्यों में भेजने का दबाव बना रहे है।
बॉर्डर पर नहीं चंडीगढ़ में करेंगे प्रदर्शन
किसान संगठनों की तरफ से कहा गया कि इस बार वह चंडीगढ़ के बॉर्डर पर प्रदर्शन नहीं करेंगे। इस बार यह प्रदर्शन चंडीगढ़ में ही होगा क्योंकि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। अगर चंडीगढ़ प्रशासन उन्हें ऐसा करने से रोकता है, तो यह उनके अधिकारों के खिलाफ है। चंडीगढ़ में प्रदर्शन कहां पर किया जाएगा यह 8 जनवरी को चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद तय किया जाएगा।
पंजाब सरकार ने गन्ने की सही कीमत नहीं की तय
किसानों ने कहा कि पंजाब सरकार ने गन्ने रके रेट की कीमत सही नहीं तय की है। भले ही पूरे देश में पंजाब सरकार ने सबसे ज्यादा कीमत तय की है लेकिन पंजाब में गन्ने की फसल पर लागत भी सबसे ज्यादा है। इसलिए किसान सराकर के फैसले से नाखुश है। सरकार को कम से कम लागत कीमत तो देनी ही चाहिए।
कर्ज की माफी नहीं होने चाहिए खत्म
अपनी बैठक के बाद किसान नेता कमलजीत पन्नू ने कहा कि किसान पूरे देश का पेट भरता है। इसलिए वह किसानों के कर्ज की माफी की मांग नहीं करते हैं क्योंकि इसमें मांगने जैसा कुछ नहीं है। सरकार को यह कर्जे खत्म कर देने चाहिए। फसलों का सही रेट न मिलने के कारण किसानों के सिर पर कर्जा होता है। इसके बाद वह खुदकुशी करते हैं।
35 किसान संगठनों की हुई मीटिंग
चंडीगढ़ के सेक्टर 35 में किसान भवन में आज पांच किसान संगठनों की मीटिंग हुई थी। इसमें भारतीय किसान यूनियन की तरफ से बलवीर सिंह राजोबाल, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन की तरफ से प्रेम सिंह, किसान संघर्ष कमेटी की तरफ से कमलप्रीत पन्नू, भारतीय किसान यूनियन मानसा की तरफ से भोग सिंह और आजाद किसान संघर्ष कमेटी की तरफ से हरजिंदर सिंह टांडा के साथ कई अन्य किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में आंदोलन के लिए की जाने वाली तैयारियों पर चर्चा की गई है। वहीं अब दोबारा से तैयारी को लेकर 23 दिसंबर को इन पांचो किसान संगठनों की बैठक होगी।