ख़बरिस्तान नेटवर्क : भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जालंधर में शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर में रात को होने वाली माता त्रिपुरमालिनी जी की चौंकी को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही रात में होने वाले सभी धार्मिक प्रोग्राम भी कैंसिल कर दिए गए हैं। यह फैसला मंदिर की कमेटी के सदस्यों की तरफ से लिया गया है।
कोरोना के बाद पहली बार माता की चौकी रद्द
यह पहला मौका है जब देवी तालाब मंदिर में माता की होने वाली की चौकी को रद्द किया गया है। इससे पहले कितनी भी विपदा या फिर मुश्किल परिस्थिति आई हो माता की सप्ताहिक चौकी को रद्द नहीं किया गया था। सिर्फ कोरोना काल के दौरान ही चौकी को रद्द किया गया था। अब मंदिर 8 बजे ही बंद कर दिया जाएगा। पर इस बार कमेटी के सदस्यों ने यह फैसला लिया है।
8 बजे होगी अब शयन आरती
मंदिर के सचिव राजेश विज ने कहा कि बिगड़ते हालत को देखते हुए श्री देवी तालाब मंदिर में होनी वाली माता त्रिपुरमालिनी जी की चौंकी को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ शाम को होने वाली शयन आरती रात 8 बजे होगी। इस मुश्किल घड़ी में जालंधर के लोग अपने देश के साथ कंधे से कंधा जोड़कर खड़े हैं।
माता सती से जुड़ा है मंदिर का इतिहास
श्री देवी तालाब मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से है और पंजाब का इकलौता शक्तिपीठ मंदिर है। यहीं पर श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरमालिनी माता का धाम है। मंदिर में एक विशाल सरोवर (तालाब) है जो देश के प्रसिद्ध 108 सरोवरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास माता सती से जुड़ा हुआ है।
बाबा हरि वल्लभ जी ने ली थी शरण
श्री देवी तालाब मंदिर में बाबा हरि वल्लभ जी ने शरण ली थी। यहीं वह ध्रुपद गाते थे। उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर के इलाकों तक हो गई थी। अब उन्हीं की याद में मंदिर के परिसर में हर साल श्री हरिवल्लभ संगीत महोत्सव का आयोजन करवाया जाता है।