जालंधर की हॉकी नर्सरी से निकले पांच इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में अपना जोरदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया और ओलंपिक में क्वालीफाई भी किया। एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर मनदीप सिंह ने जहां देश का नाम रोशन किया वहीं एक बार फिर से जालंधर के मिट्ठापुर का नाम सुर्खियों में आ गया है। हर कोई इस समय इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी मनदीप सिहं के आने का इंतजार कर रहा है। घर में बधाईयों के फोन आ रहे हैं और माता-पिता को मिलने के लिए पड़ोसियों व रिश्तेदारों की लाइने लगी हुई है।
इंटरनेशन खिलाड़ी मनदीप सिंह ने हॉकी में अपना करियर कैसे शुरु किया। इस बारे में जब टीवी खबरिस्तान ने मनदीप सिंह के पिता रविंदर सिंह और माता दविंदरजीत कौर से बात की तो उन्होंने कुछ खास किस्से मनदीप के बताए। पिता रविंदर सिंह ने कहा मनदीप का जन्म 26 जनवरी 1995 को हुआ है।
मनदीप नूं क्रिकेट दा शौंक सी
इंटरनेशनल खिलाड़ी मनदीप सिंह के पिता रविंदर सिंह ने बताया कि साडे मुंडे नूं क्रिकेट दा शौंक सी, ते हॉकी साडे वड्डे वडेरे खेलदे हुंदे सी। जिस तो बाद उसनूं हॉकी वल्ल ध्यान लगान लई किहा। हुण जदों जित्त के आउंदा ओदों बहुत ही खुशी हुंदी। पिता रविंदर सिंह ने कहा कि जब भी बेटा मैडल जीतता है तो उसका बचपन सामने आ जाता है कि किस तरह से लगन और मेहनत के साथ दिन रात हॉकी खेलने में लगा रहता था। जिसका पल आज मनदीप को मिल रहा और गर्व वाली बात है कि पूरे देश का नाम तो रोशन कर ही रहा है साथ में अपने गांव मिट्ठापुर का भी।
खेलने का शौक पैदा हुआ तो एक मिनट भी घर नहीं रुकता था
माता दविंदरजीत कौर ने कहा कि जब मनदीप को हॉकी खेलने का शौक पैदा हुआ तो जैसे ही स्कूल से आता तो तुरंत ग्राउंड में हॉकी उठाता और खेलने के लिए निकल जाता। रोटी भी उसको जबरदस्ती हाथों से खिलानी पड़ती थी। जितना बेटा उनका शरारती है उतना ही शर्मीला भी है। लेकिन अब उसे बस मैडल ही दिखाई देते हैं और जीतकर भी आ रहा है।
ओलंपिक के बाद ही शादी करूंगा
माता दविंदरजीत कौर ने कहा कि मैडल तो बेटा जीतकर ला ही रहा है। जब शादी के बारे में पूछते है तो कहता ही कि अब ओलपिंक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। ओलपिंक जीत कर ही शादी करूंगा। उन्हें खुशी है कि उनका बेटा इस मुकाम पर पहुंचा है। परिवार हमेशा हॉकी से प्यार करता आया है।
मनदीप सिंह का करियर
मनदीप सिंह ने सुरजीत हॉकी अकादमी से अपने कैरियर की शुरुआत की और उनके कोच सुरजीत मिट्ठा हैं।
पहली हॉकी लीग में 13 हजार डॉलर में लगाई गई थी बोली
इंटरनेशल खिलाड़ी मनदीप सिंह का सफर रांची में होने वाली पहली हॉकी लीग से शुरु हुआ था। 16 दिसंबर 2012 को हॉकी इंडिया लीग में नीलामी हुई तो 13 हजार डॉलर की बोली लगाई गई। 16 जनवरी 2013 को पंजाब वारियर्स के खिलाफ पहला मैच खेला। रांची राइनो की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 50 मिनट में दूसरा गोल किया और 2-1 से विजेता बने। झारखंड में मनदीप सिंह की टीम ने 3-1 से जीत हासिल की।
26 जनवरी 2013 को घ्यानचंद एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में उतर प्रदेश विजार्ड्स के खिलाफ अपने करियर का पहला दूसरा गोल किया। रांची 3-0 से जीत गई। इसके बाद लगातार मनदीप सिंह ने अपना परचम लहराया और जीतते गए, आज वह इस मुकाम पर हैं कि हर कोई उनकी मेहनत की तारीफ कर रहा है।