Know the status of 28 seats under the influence of Dera in Haryana : हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है लेकिन चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को 20 दिन की पैरोल मिली, उसको लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। राम रहीम को हरियाणा में मतदान से ठीक 4 दिन पहले 1 अक्तूबर को पैरोल मिली थी। बता दें कि राम रहीम रेप और हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहा है। हालांकि पैरोल से बाहर आने के बाद राम रहीम ने भाजपा के पक्ष में वोट अपील की थी, लेकिन इसका कुछ खास फायदा भाजपा को नहीं मिला। जिन 28 विधानसभा सीटों पर राम रहीम का प्रभाव माना जाता है वहां 15 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की जबकि 10 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है जबकि 2 सीटें आईएनएलडी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती है।
डेरा के प्रभाव क्षेत्रों का हाल
कांग्रेस ने फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, कलायत, कैथल, शाहबाद, थानेसर, पिहोवा, कालांवाली, सिरसा, ऐलानाबाद, आदमपुर, उकलाना, नारनौंद की सीट पर जीत दर्ज की जबकि भाजपा ने हांसी, बरवाला, नलवा, असंध, घरौंदा, करनाल, इंदरी, नीलोखेरी, लाडवा, पुंडरी पर जीत दर्ज की। आईएनएलडी ने डबवाली, रानियां और निर्दलीय सावित्री जिंदल ने हिसार सीट से जीत दर्ज की। या यूं कहें कि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट इन क्षेत्रों में 53.57 फीसदी का रहा, जबकि भाजपा का 35.71 फीसदी, आईएनएलडी का 7 और निर्दलीयों का 3.57 फीसदी रहा। यही वजह है कि हरियाणा कांग्रेस के नेता राम रहीम के पैरोल पर मुखर होकर नहीं बोल रहे थे।
डेरा चीफ ने की वोट अपील
सूत्रों की मानें तो 3 अक्तूबर को डेरा सच्चा सौदा चीफ ने सिरसा में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो भाजपा के पक्ष में वोट दें। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि राम रहीम ने सतसंग के दौरान अपने समर्थकों से हर बूथ पर कम से कम पांच वोटर लाने को कहा। हालांकि यह साफ नहीं है कि गुरमीत राम रहीम ने वर्चुअली कोई सत्संग किया था या नहीं क्योंकि चुनाव आयोग राम रहीम के ऑनलाइन सत्संग पर रोक लगा रखी थी। डेरा के सूत्रों के अनुसार उसके तकरीबन 1.25 करोड़ समर्थक हैं, प्रदेश में डेरा की 21 ब्रांच हैं।
डेरा का राजनीति पर प्रभाव
गुरमीत राम रहीम के नेतृत्व वाला डेरा सच्चा सौदा न केवल एक धार्मिक संप्रदाय है, बल्कि इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक इकाई भी है। पिछले कुछ वर्षों में, डेरा ने चुनाव के आधार पर शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन किया है। राम रहीम के नेतृत्व में इसकी राजनीतिक शाखा ने पंजाब और हरियाणा में चुनावों को प्रभावित किया है। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी, जिनमें बड़ी संख्या में निचली जाति के व्यक्ति और मजहबी सिख जैसे दलित शामिल हैं उनपर वोटिंग के दौरान डेरा का प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखता है।