ख़बरिस्तान नेटवर्क : आप के विधायक रमन अरोड़ा के घर विजिलेंस रेड की तैयारी पिछले कई महीने से चल रही थी। आम आदमी पार्टी के बीच रमन अरोड़ा के सियासी सफर बहुत तेज और शायद छोटा भी कहा जा सकता है। जिस हिसाब से विजिलेंस ने फील्डिंग लगाई है उसके मुताबिक रमन अरोड़ा लंबे फंसने वाले हैं। अरोड़ा के खिलाफ सीएम भगवंत मान के पास शिकायतें लगातार जा रही थीं। सरकार ने अरोड़ा पर कार्रवाई के लिए मन बहुत पहले ही बना लिया था, मगर सरकार बिना सबूत कच्ची कार्रवाई नहीं करना चाहती थी।
अरोड़ा के खिलाफ आने वाली शिकायतें ज्यादातर नगर निगम से जुड़ी हुई थीं, जिसका खुलासा शुक्रवार को उनके घर रेड के बाद हुआ है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता बलतेज पन्नू ने बताया कि अरोड़ा के खिलाफ सीएम मान के पास शिकायतें आई थीं। आरोप है कि अरोड़ा नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ठ से लोगों को नकली नोटिस भिजवाता था और बाद में पैसे लेकर सेटिंग होती थी।
डोगरा की वापसी था पहला संकेत
रमन अरोड़ा पर एक्शन का पहला संकेत डीसीपी नरेश डोगरा की शहर में तैनाती था। रमन अरोड़ा की सुरक्षा वापस लेने के बाद ये तय हो गया था कि सरकार अब उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लेगी। फिर एटीपी सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी हुई। वशिष्ठ से गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में निकली बातें निगम में फैले कथित भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सरकार की नजर गई।
वशिष्ठ की गिरफ्तारी दूसरा संकेत
वशिष्ठ पर आरोप है कि उन्होंने भवन नक्शों की मंजूरी में जानबूझकर देरी की और रिश्वत के बिना फाइलें पास नहीं कीं। शिकायतों के अनुसार उन्होंने ₹30,000 की रिश्वत की मांग की थी। वशिष्ठ ने आवेदकों को डराने के लिए निरीक्षणों के दौरान भवनों को सील करने की धमकी दी। अब आम आदमी पार्टी का कहना है कि वशिष्ठ ये सब रमन अरोड़ा के कहने पर कर रहा था। हालांकि रमन अरोड़ा ने वशिष्ठ की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है।
पहले जुटाए सबूत
सरकार ने पहले वशिष्ठ को गिरफ्तार किया ताकि रमन अरोड़ा के खिलाफ सबूत जुटाए जा सकें। वशिष्ठ से पूछताछ के बाद नगर निगम से कई फर्जी नोटिस मिले। रमन अरोड़ा के घर रेड से पहले विजिलेंस और सरकार ने पूरा होमवर्क किया है। रेड के दौरान अंदर नोट गिनने वाली मशीन भी ले जाई गई है। जबतक विजिलेंस रेड चलेगी तब तक रमन अरोड़ा को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
पार्टी में अलग-थलग पड़े अरोड़ा
पिछले कुछ समय से रमन अरोड़ा पार्टी में भी अलग-थलग पड़े हुए हैं। फिल्लौर में पिछले हफ्ते हुए पार्टी के कार्यक्रम में भी वह नजर नहीं आए। सिक्योरिटी वापस लिए जान के बाद दो दिन रमन अरोड़ा कुछ शांत रहे। उसके बाद वह लगातार पार्टी की अपने हलके में युद्ध नशों के विरुद्ध कार्यक्रम में भाग ले रहे। सिक्योरिटी लेने के बाद उनकी सोशल मीडिया पर प्रेजेंस उतनी कान्फीडेंट नहीं रह गई थी।
वशिष्ठ कनेक्शन भारी पड़ा
एटीपी सुखदेव वशिष्ठ, जो जालंधर नगर निगम में असिस्टेंट टाउन प्लानर (ATP) थे, को 14 मई 2025 को ₹30,000 की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। रमन अरोड़ा, जो जालंधर सेंट्रल से AAP विधायक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने वशिष्ठ के माध्यम से फर्जी नोटिस जारी करवाए और लोगों से पैसे वसूलने में उसकी मदद ली। विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार, अरोड़ा ने निगम अधिकारियों का उपयोग करके निर्दोष नागरिकों को फर्जी नोटिस भेजवाए और फिर उन मुद्दों को सुलझाने के लिए रिश्वत ली। इससे पहले, 13 मई को उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की अटकलें तेज हो गई थीं। AAP नेता दीपक बाली ने वशिष्ठ की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर साझा की और कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है।
डीसीपी डोगरा से हुआ था विववाद
पंजाब में फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव होने के लगभग 7 महीने बाद सितंबर में 2 दुकानदारों के बीच हुए झगड़े को सुलझाने के दौरान विधायक रमन अरोड़ा का डीसीपी नरेश डोगरा के साथ विवाद हो गया था। इस विवाद ने राज्य में खासी सुर्खियां बटोरीं। क्योंकि एक निजी संस्थान के ऑफिस में रमन अरोड़ा के समर्थकों द्वारा डीसीपी रैंक के अधिकारी से मारपीट करने के आरोप भी लगाए गए थे। बाद में दोनों में समझौता हो गया था। डीसीपी नरेश डोगरा के मन में इस बात की टीस थी ।
दीपक बाली का कद बढ़ा
जालंधर की सियासत में रमन अरोड़ा पर करप्शन की कार्रवाई से पहले पार्टी ने उनके विकल्प के रूप में अपने सीनियर नेता दीपक बाली को तैयार कर लिया है। दीपक बाली जालंधर में पिछले कई सालों से एक्टिव हैं। सियासत में आने से पहले भी दीपक का शहर में अच्छा रसूख रहा है। आम आदमी पार्टी को जालंधर सेंट्रल में रमन अरोड़ा का विकल्प बाली के रूप में पहले से मिला हुआ है। हालांकि दीपक बाली का पार्टी में कद एक विधायक से कहीं ज्यादा है। दिल्ली में भी दीपक बाली के अच्छे संबंध हैं। ग्राउंड पर अच्छी पकड़ के कारण दीपक बाली को पार्टी लगातार मेन फ्रंट पर रख रही है।
पहले भी 2 दागी विधायक
24 मई 2022 को AAP सरकार ने अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को अरेस्ट कर कैबिनेट से बर्खास्त किया था। CM भगवंत मान ने तब कहा था कि सिंगला स्वास्थ्य विभाग में हर काम और टेंडर के बदले 1% कमीशन मांग रहे थे। सिंगला ने पिछले चुनाव में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को हराया था।
23 फरवरी 2023 को रिश्वत के मामले में बठिंडा ग्रामीण के विधायक अमित रतन को गिरफ्तार किया था। रतन को विजिलेंस यूनिट ने चंडीगढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। विधायक पर आरोप था कि उन्होंने एक सरपंच से रिश्वत ली थी। हालांकि अब वह जमानत पर बाहर हैं।