पंजाब में सरपंची पद के लिए बोली का मामले में आज (3 अक्टूबर) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है। दरअसल गुरदासपुर के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच के लिए 2 करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी। जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि पंजाब स्टेट इलेक्शन एक्ट का उल्लंघन किया गया है।
कोर्ट में यह याचिका एडवोकेट सतिंदर कौर की ओर से दाखिल की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरपंच पद के लिए 15 अक्टूबर को चुनाव होने है। कई जगहों में सरपंच पद के लिए बोली लगाई जा रही है।
बोली लगाना असवैंधानिक
बता दें कि गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद के लिए दो करोड़ की बोली लगाई गई थी। ये बोली भाजपा नेता आत्मा सिंह ने लगाई थी। बोली को लेकर गांववालों ने सहमति जताई थी।
एडवोकेट ने कहा सरपंच के पद को बेचना सविधान के खिलाफ है। चुनाव में बोली लगाकर कोड ऑफ कंडक्ट और पंजाब स्टेट इलेक्शन एक्ट का उल्लंघन किया गया है। इसको लेकर निर्देश जारी करने के लिए कोर्ट से मांग की गई है।
हालांकि उस समय गांव की युवा सभा का दावा है कि बोली से आने वाले पैसे गांव के विकास पर खर्च किया जाएगा। जबकि पंचायत को दी जाने वाली ग्रांट अलग से होगी। गांव में सरपंच पद के लिए बोली को लेकर गुरुद्वारा साहिब से घोषणा की गई थी। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई थी।
बोली का हुआ था काफी विरोध
जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल से कोई प्रतिनिधि बोली लगाने के लिए आगे नहीं आया।सबसे पहले भाजपा नेता आत्मा राम ने 50 लाख रुपए की बोली लगाई। उनके मुकाबले जसविंदर सिंह ने 1 करोड़ की बोली दी थी। इसके बाद आत्मा सिंह ने 2 करोड़ की बोली लगाई। जैसे यह मामला सामने आया था, उसका विरोध शुरू हो गया था।
हरदोवाल गुरदासपुर की सबसे बड़ी पंचायत
हरदोवाल गुरदासपुर की सबसे बड़ी पंचायत है। पंचायत के पास 300 एकड़ की जमीन है। गांव में जब से पंचायत भंग हुई है, तब से गांव की युवा सभा (21 सदस्यीय समिति) सारी व्यवस्था देख रही है। सभा ने तय किया था कि इस बार जो व्यक्ति सरपंच पद के लिए सबसे ज्यादा राशि देगा, उसे सर्वसम्मति से गांव का सरपंच चुना जाएगा।
जो पैसा आएगा, उसे सभा गांव के विकास कार्यों पर खर्च करेगी। जबकि गांव के विकास के लिए सरकार से मिलने वाली राशि अलग होगी। इस पर सभी ने सहमति जताई है।