पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में आज सुनवाई है। ADGP जेल को भी हाईकोर्ट में तलब किया गया है। पंजाब सरकार की तरफ से बीती सुनवाई में एफिडेविट दाखिल किया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने असंतुष्टि जताई। वहीं अब जेल में मोबाइल फोनों के प्रयोग को रोकने के लिए हाईकोर्ट की ओर से पूछा गया है।
बीती सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से एफिडेविट सौंपा गया था। जिसमें कहा गया कि जेलों में मोबाइल की स्मगलिंग और उनका इस्तेमाल रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में जांच कर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए जांच कमेटी को थोड़ा और समय चाहिए।
सरकार ने एफिडेविट में इतना जरूर कहा कि कमेटी ने यह पता लगा लिया है कि लॉरेंस का दूसरा इंटरव्यू 26 फरवरी 2023 से 17 मार्च 2023 के बीच रिकॉर्ड किया गया। इसलिए कमेटी के लिए इंटरव्यू की तारीख समय और रिकॉर्डिंग की जगह तय करना मुश्किल नहीं होगा।
इंटरव्यू के वक्त था कस्टडी में
इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि इंटरव्यू की जांच के लिए 29 मार्च 2023 को कमेटी बनी। इंटरव्यू के वक्त वह ज्यूडिशियल कस्टडी में था। 8 महीने बाद भी कमेटी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी। हाईकोर्ट जांच से खुश नहीं है। इस मामले में कोर्ट जवाब चाहती है कि रिपोर्ट सबमिट करने में देरी क्यों हो रही है।
ADGP जेल से मांगा जवाब
जिसके बाद एडीजीपी जेल को अगली सुनवाई में हाईकोर्ट में पेश होकर बताएं कि जांच रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है। वे यह भी बताएं कि जेल में बंदियों के मोबाइल इस्तेमाल और वहां से फिरौती जैसी कॉल्स को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
7 महीनों में जांच पूरी न होने पर हाईकोर्ट सख्त
हाईकोर्ट ने सुओ मोटो बेसिस पर सुनवाई शुरू की थी। 18 दिन पहले हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से सवाल किया था कि इस मामले की जांच के लिए जो SIT टीम बनाई गई थी, जांच कहां तक पहुंची है। इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की गई?। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि जांच के लिए कमेटी गठित कर रखी है और मामला अभी विचाराधीन है।
देशभक्त दिखाने का प्रयास
दोनों इंटरव्यू में एक बात सबसे खास थी। लॉरेंस बिश्नोई को बेबाक, गौ भक्त और देशभक्त दिखाने का प्रयास किया गया था। उस समय ये भी हवा उड़ी की इंटरव्यू करवाने में खुफिया एजेंसियों का हाथ हो सकता है।