जालंधर, भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाले जालंधर वेस्ट हलके में अब भाजपा के लिए जीत की हार आसान नहीं है। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भले ही वेस्ट से भाजपा को अच्छी वोट मिली हों, लेकिन इतने उत्साह और भाजपा के फेवर में होने के बावजूद भाजपा जीत नहीं पाई थी। जिसमें कई प्रमुख कारण हैं। इनमें भाजपा प्रत्याशी का दल बदलना, उनकी छवि और रोज नई विवादों में फंसना प्रमुख कारण हैं। यही वजह है कि लोग भाजपा प्रत्याशी के कारण भाजपा को भी वोट देने से कतरा रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा का अपना कैडर वोटर और भाजपा नेता अपने प्रत्याशी को पसंद नहीं कर रहे हैं। वह शीतल अंगुराल के कारण पार्टी को वोट ना देने की बात कह रहे हैं। एक तो वह शीतल अंगुराल के भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में चले जाने और फिर विधायकी छोड़कर भाजपा में दोबारा लौट आने को लेकर खुश नहीं है। वह लोकसभा चुनाव में अपने ही हलके और बूथ को जीत पाने में नाकाम रहे।
नहीं मिल रहा पार्टी नेताओं का साथ
वेस्ट हलके में भाजपा के अंदर की कलह भी उपचुनाव में धीरे-धीरे बाहर आने लगी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अधिकतर पार्षद और नेता भी शीतल अंगुराल को पूरी तरह अपना नहीं रहे हैं। भाजपा नेताओं ने पार्टी के प्रचार से भी हाथ खींच लिया है। बड़ी लीडरशिप भी पूरी तरह सक्रिय नजर नहीं आ रही है। भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची जरूर जारी की है, लेकिन लोकल लीडर्स का साथ मिलना बहुत जरूरी है, जो शीतल को मिलता नजर नहीं आ रहा है।
दो सालों में नहीं बना पाए खास पहचान
2022 में आम आदमी पार्टी से विधायक बने शीतल अंगुराल दो सालों में अपनी खास पहचान नहीं बना पाए। वेस्ट हलके के लोगों ने बदलाव के लिए आम आदमी पार्टी से शीतल अंगुराल को जीताकर विधायक बनाया था, लेकिन वह ऐसा कोई मील का पत्थर स्थापित नहीं कर पाए, जिससे की लोग उन्हें बिना किसी रूकावट के दोबारा जीता दें। वह वेस्ट हलके के लिए किया गया एक भी बेहतर काम नहीं गिना पा रहे हैं। पार्टी छोड़ने के बाद आप को वोट देन वाले लोग खुद को ठगा से हमसूस कर रहे हैं।
शीतल अंगुराल पर गिरफ्तारी का खतरा
भाजपा प्रत्याशी शीतल अंगुराल पर पुलिस केस भी दर्ज हैं। जिसके चलते भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सुशील कुमार रिंकू ने भी शीतल की गिरफ्तारी का खतरा जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार शीतल को गिरफ्तार कर सकती है। इन पुलिस केसों के चलते भी भाजपा प्रत्याशी की छवि काफी धूमिल हुई है। इसलिए वोटर उनसे दूरी बना रहे हैं। भाजपा के लिए वेस्ट हलके में दोबारा से अपनी पैंठ बनाना आसान नहीं है।
मोहिंदर भगत को मिल रहा माइलेज
वेस्ट हलके में भाजपा प्रत्याशी के रूप में शीतल अंगुराल को पसंद नहीं किए जाने का सीधा फायदा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मोहिंदर भगत को मिल रहा है। मोहिंदर भगत की छवि भी शीतल के बिल्कुल उल्ट है। उनको साफ सुधरी छवि वाले इंसान के रूप में लोग पसंद कर रहे हैं। मोहिंदर भगत पिछले 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से प्रत्याशी थे। तब वह तीसरे नंबर पर रहे थे। उनको 33 हजार वोट मिले थे। तब शीतल 39 हजार वोट लेकर विधायक बने थे।
सीएम कह चुके- वेस्ट हलके के लोग आप को करते हैं पसंद
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी जालंधर में ही डेरा जमा लिया है। वह कहते हैं कि शीतल अंगुराल को हराकर दोबारा आम आदमी पार्टी का विधायक बनाया जाएगा। सीएम मान इस बात से बहुत नाराज हैं कि शीतल अंगुराल ने उनको, आम आदमी पार्टी और वेस्ट हलके के लोगों को धोखा दिया। जिसके चलते लोग शीतल से दुखी हैं। सीएम कहते हैं कि वेस्ट हलके के लोग आम आदमी पार्टी को पसंद करते हैं और वह इस बार भी मोहिंदर भगत को जीता कर पार्टी को मजबूत करेंगे।
भगत बिरादरी के वोट बैंक में भगत की सेंधमारी
माना जाता है कि भगत बिरादरी की अधिकतर वोट भाजपा के साथ जुड़ी है। यही कारण है भगत बिरादरी से भगत चूनी लाल जीतते रहे हैं। इस बार आम आदमी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ भगत बिरादरी से जुड़े नेता और भगत चूनी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को उतारा है। जिसका बड़ा सैटबैक भाजपा को होने जा रहा है। क्योंकि मोहिंदर भगत अपनी भगत बिरादरी के वोट बैंक में सेंधमारी करने में सफल हो रहे हैं। कई बड़े भगत नेता भाजपा और कांग्रेस छोड़ उनके साथ आम आदमी पार्टी में आ गए हैं। भगत बिरादरी अगर आप का साथ देती है तो भाजपा के लिए बड़ी मुसिबत साबित होगी।