खबरिस्तान नेटवर्क: भारत-पाकिस्तान में बढ़ रहे तनाव के कारण 7 मई से स्थगित की गई बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को सीमा सुरक्षा बल एक बार फिर आज से शुरु करने वाला है। यह परेड समारोह अटारी-वाघा, हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सदकी बॉर्डर (फाजिल्का) पर आयोजित होती है जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर रोज सांस्कृतिक और सैन्य शौर्य का प्रतीक बन चुकी है।
कुछ बदलावों के साथ शुरु होगा समारोह
बीएसएफ सूत्रों की मानें तो समारोह वैसे ही शुरु तो हो जाएगा लेकिन कुछ बदलावों के साथ। इस दौरान गेट नहीं खोले जाएंगे यानी की भारत-पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच सामान्य रुप से होने वाला हैंडशेक अब नहीं होगा। समारोह की पारंपरिक सैन्य गत्यात्मकता बरकरार रहेगी लेकिन सीमापार तालमेल सीमित रहेगा। वहीं झंडे उतारने की अगर बात करें तो जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर ही अपने-अपने देश के झंडों को उतारेंगे।
12 दिन पहले हो गई थी बंद
आपको बता दें कि यह कार्यक्रम 7 मई को भारत-पाकिस्तान में हो रहे तनाव के कारण सुरक्षा संबंधी कारणों से स्थगित कर दिया गया था। इस पर बीएसएफ ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया था लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते यह फैसला लिया गया था। वहीं 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए भारत ने उसके अगले दिन ही 24 अप्रैल से गेटों को खोलने और हाथ मिलाने की परंपरा बंद कर दी थी। अब जब ये सेरेमनी फिर से शुरु हो रही है तो भारत ने इन दोनों परंपराओं को फिलहाल शुरु न करने का फैसला लिया है।
क्या होती है बीटिंग रिट्रीट?
बीटिंग रिट्रीट एक प्रतीकात्मक सैन्य परेड होती है जो हर शाम भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अपनी-अपनी सीमा चौकियों पर एक साथ आयोजित करती हैं।इसमें झंडा उतारने की औपचारिकता, प्रशिक्षित जवानों की मार्चिंग और भीड़ के सामने शौर्य प्रदर्शन शामिल होता है। यह आयोजन रोज सैंकड़ों सैलानियों को आकर्षित करता है। खासतौर पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर जो इसका सबसे प्रसिद्ध स्थल है।
सुरक्षा के लिहाज से जारी है अभी सतकर्ता
समारोह भले ही फिर से शुरु हो गया है लेकिन बीएसएफ और अन्य खुफिया एजेंसियों के द्वारा सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। सीमा क्षेत्र में निगरानी को पहले से ज्यादा कड़ा कर दिया गया है और स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट ही रखा गया है।
अभी तक सरहद पर हुए हैं ये बदलाव
22 अप्रैल को हुए हमले और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सरहद पर चौकसी बढ़ा दी गई है। बीएसएफ की जगह आर्मी मोर्चा संभाले हुए है। 10 मई को हुए सीजफायर के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ही भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे की कैद में बंद बीएसएफ और पाक रेंजर का आदान-प्रदान किया था। इसके बाद अब अफगानिस्तान के ट्रकों के लिए अटारी बॉर्डर भी खोल दिया गया। वहीं आज से कंटीली तारों के पार किसानों को भी अपनी जमीन में जाकर काम करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही सख्ती के साथ रिट्रीट सेरेमनी शुरु हो गई है।