वेब खबरिस्तान, जालंधर : पंजाब के अमृतसर (Amritsar) में अटारी बॉर्डर (Attari Border), फाजिल्का में सैदेके चौकी और फिरोजपुर (Firozpur) में हुसैनीवाला बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी रोजाना शाम को होती है। अब बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी का समय बदल दिया है। सेरेमनी को देखने के लिए देश-विदेश के हजारों पर्यटक रोजाना इन बॉर्डर पर पहुंचते हैं। मौसम में बदलाव के चलते शाम 5 बजे होने वाली रिट्रीट सेरेमनी अब साढ़े चार बजे आयोजित होगी। भारत की सीमा सुरक्षा बल के जवान पाकिस्तान रेंजर्स के साथ मिलकर रिट्रीट सेरेमनी में भाग लेते हैं।
लगभग 40 मिनट तक होती रिट्रीट सेरेमनी
बॉर्डर पर होने वाली ये रिट्रीट सेरेमनी लगभग 40 मिनट की होती है. इस रिट्रीट सेरेमनी के दौरान पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो जाता है. एक तरफ भारतीय सरहद में भारतीय सैनिक भारत माता की जयकार के नारे लगाते है तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी सैनिक अपनी सरहद में अपने देश के नारे लगाकर अपने देश-प्रेम को उजागर करते हैं। इस रिट्रीट सेरेमनी का मकसद दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और सौहार्द का माहौल बनाना भी है।
सम्मानपूर्वक उतारा जाता भारत-पाक ध्वज
वहीं लोग इस दौरान देशभक्ति के गानों पर झूमते हुए दिखाई देते है. वहीं बात करें वाघा बॉर्डर की तो ये अमृतसर से 27 किलोमीटर की दूरी पर है. वाघा बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत साल 1959 में हुई थी. रिट्रीट सेरेमनी के दौरान औपचारिक रूप से सीमा को बंद किया जाता है. इसके साथ ही दोनों देश के झंडे को सम्मानपूर्वक उतारा जाता है।