आज से महाकुंभ शुरू हो रहा है और पौष पूर्णिमा का पहला स्नान है। महाकुंभ में सुबह साढ़े 9 बजे तक 60 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। पहले दिन में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। इसके साथ ही 20 क्विंटल फूलों बारिश की जाएगी। क्योंकि 144 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है।
प्रार्थना करते दिखे कल्पवासी
पौष पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवासी संगम में स्नान कर कल्पवास के कठिन नियमों का महाकुंभ अवधि के दौरान पालन करते हुए पुण्य प्राप्ति, सद्गति, मोक्ष प्राप्ति और सकल विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। स्वयं और अपने परिजनों के कल्याण के साथ ही सकल विश्व के कल्याण के लिए भी कल्पवासी प्रार्थना करते हैं।
महाकुंभ के प्रारंभ होने के साथ ही सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया और महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की उपासना में पवित्र जलधारा में डुबकी लगाकर संकल्प लेते दिखे।
हर-हर महादेव के नारे
हर-हर महादेव, जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारों से रह-रहकर संगम नोज समेत सभी घाट दिनभर गुंजायमान होते रहे। वहीं, साधारण गृहस्थ श्रद्धालुओं में भी स्नान को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला। पहले ही दिन प्रयागराज व आसपास के इलाकों समेत बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों की भारी भीड़ संगम समेत तीर्थराज प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर देखने को मिली।
यूरोप से आए श्रद्धालु हुए धन्य
संगम घाट पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। साउथ कोरिया से आए यू-ट्यूबर दल महाकुंभ के विभिन्न शॉट्स को अपने कैमरे से कैप्चर करते दिखे तो जापान से आए पर्यटक महाकुंभ में अपार जनसैलाब को देखकर स्थानीय गाइड से जानकारी लेते दिखे। रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए सनातनी श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षात्कार करने के साथ ही पुण्य की डुबकी भी लगाई।