Who is more victim of loneliness in India, women or men : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अकेलेपन की व्याख्या करना बेहद मुश्किल है। हर इंसान एक दूसरे से कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है। एक तरफ आप देखेंगे कि एक व्यक्ति के कई सारे दोस्त हैं, वहीं दूसरी ओर वह अपनी जिंदगी में बेहद अकेला महसूस कर सकता है। अकेलापन एक गंभीर समस्या है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। इससे निपटने के लिए आवश्यक है कि हम अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं और प्रोफेशनल मदद लें। अपनी भावनाओं को व्यक्त करना और उन्हें साझा करना बेहद जरूरी है। आइए जानें, कौन अधिक अकेलापन महसूस करता है और इसके क्या प्रभाव होते हैं।
अकेलापन क्या है
अकेलापन एक मानसिक दुख है जिसमें व्यक्ति खुद को सबसे अलग-थलग महसूस करता है। यह एक मेंटल हेल्थ इश्यू है जिसमें व्यक्ति अपने पसंद के लोगों को काफी ज्यादा मिस करता है। ऐसे व्यक्ति आमतौर पर अंदर से असंतुष्ट होते हैं। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस द्वारा 2004 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 4.91 मिलियन लोग अकेले रह रहे थे और अकेलेपन से पीड़ित थे।
कौन हैं शिकार
आजकल हाउसवाइफ काफी बड़ी संख्या में अकेलेपन का शिकार हो रही हैं। वहीं, एक व्यक्ति जिसके बहुत सारे दोस्त हैं, जब वह घर आता है तो वह भी अकेलापन महसूस करता है। वाटरलू विश्वविद्यालय में शेली बर्सिल के रिसर्च के मुताबिक महिलाएं अपने अकेलेपन को ज्यादा व्यक्त करती हैं। पुरुष और महिला दोनों अपनी दिमागी संरचनाओं और भावनाओं को अलग-अलग तरीके से व्यक्त करते हैं। पुरुष अकेलापन और अपनी भावनाओं को ज्यादा छिपाते हैं, वहीं महिलाएं नहीं छिपा पाती हैं।
अकेलापन व बीमारी
अकेलापन कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है। आइए जानें कुछ प्रमुख बीमारियों के बारे में:
ऐंगज़ाइटी डिसऑर्डर : ऐंगज़ाइटी डिसऑर्डर अकेलेपन का प्रमुख परिणाम हो सकता है। यह मानसिक स्थिति व्यक्ति के जीवन को बेहद कठिन बना देती है।
सिज़ोफ्रेनिया : अगर किसी पुरुष में सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वह अपने दोस्तों से इस बारे में बात करते हैं। दूसरी ओर, महिलाएं इसे छिपाती हैं। वे जल्दी किसी से जुड़ना पसंद नहीं करती हैं। ब्रेकअप या शादी के बाद महिलाएं शुरुआत में काफी अकेलापन महसूस करती हैं, जबकि पुरुषों को इसका एहसास बाद में होता है।
निपटने के उपाय
1. फैमिली और दोस्तों के साथ मिलना-जुलना: अपनी फैमिली, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ समय बिताएं।
2. क्रिएटिव एक्टिविटीज में शामिल हों: अपना ध्यान किसी क्रिएटिव चीज पर लगाएं।
3. थेरेपी और डॉक्टर की सलाह लें: प्रोफेशनल मदद लेने से भी काफी फायदा होता है।
4. अपनी सोच वाले लोगों से मिलें: समान सोच वाले लोगों से मिलकर अपनी भावनाओं को साझा करें।
5. अच्छी किताब पढ़ें: अच्छी किताबें पढ़ना भी अकेलेपन से निपटने का अच्छा तरीका हो सकता है।