जालंधर के पूर्व कांग्रेस सांसद महिंदर केपी ने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है। केपी ने कहा कि हमारी चौथी पीड़ी कांग्रेस पार्टी के थी और हमने पार्टी की बहुत सेवा भी की है। मेरे पिता ने पार्टी के लिए कुर्बानी दी है और शहीद हुए हैं। जब शहीदों और उनके परिवारों को मान-सम्मान न मिले तो मन में दुख रहता है।
हमने पार्टी को नहीं पार्टी ने हमें छोड़ा है -केपी
केपी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को हमने नहीं बल्कि पार्टी ने हमें छोड़ा है। पार्टी ने हमें धक्के मारकर बाहर निकाला है और हमारे साथ गलत बर्ताव किया है। पंजाब में 2022 की विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव किया, उससे मेरे दिल को काफी ठेस पहुंची थी। अभी तक उन्हें पार्टी के किसी नेता का कोई फोन मनाने के लिए नहीं आया है।
पार्टी ने नहीं सुधारी अपनी गलती
केपी ने आगे कहा कि पिछले 2 साल से कांग्रेस पार्टी ने अपनी गलती सुधारने की कोशिश नहीं की। अब भी कह रहा हूं कि पार्टी को अपनी गलती सुधारनी चाहिए। नहीं तो आपके जो लोग वह आपको समर्थन नहीं करेंगे। पर पार्टी ने हमारे साथ जो किया उससे काफी दुख हुआ।
पार्टी की कोर कमेटी तय करेगी टिकट
वहीं अकाली दल में शामिल होने को लेकर और जालंधर से उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर केपी ने कहा कि वह पार्टी ने तय करना है।पार्टी की कोर कमेटी अगर उन्हें टिकट देगी तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगे। चन्नी की रिश्तेदारी को लेकर कहा कि जिस तरह पार्टी ने उनके साथ बर्ताव किया है, उससे वह काफी दुखी है।
जानें केपी के राजनीति करियर के बारे में
महिंदर सिंह केपी जालंधर लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर साल 2009 में सांसद बने थे। जिसके बाद कांग्रेस ने केपी को होशियारपुर में 2014 में मैदान में उतारा था। जहां उन्हें हार का सामान करना पड़ा था। उन्हें बीजेपी उम्मीदवार विजय सांपला ने हराया था। केपी 3 बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया जा चुका है।