शिरोमणि अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्म को मानता हूं। इससे अकाली दल विरोधी शक्तियां जरूर खुश होंगी। वल्टोहा को श्री अकाल तख्त साहिब ने 24 घंटे के अंदर पार्टी से निकालने के आदेश दिए थे।
जत्थेदारों पर लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल 2 दिन पहले विरसा सिंह वल्टोहा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पर आरएसएस और बीजेपी दबाव बना रहा है। यह दबाव सुखबीर सिंह बादल को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के लिए बनाया जा रहा है। ताकि पार्टी को नेतृत्वहीन बनाया जा सके।
श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के लिए बुलाया
श्री अकाल तख्त साहिब ने 13 अक्टूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को 15 अक्टूबर को 9 बजे तक पेश होने के आदेश दिए। जिसमें साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है।
10 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाला जाए
जिसके बाद आज वल्टोहा आज श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए। श्री अकाल तख्त साहिब ने पाया कि वल्टोहा के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। जिसके बाद उन्होंने आदेश दिए कि वल्होटा को 10 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाला जाए। क्योंकि उन्होंने जत्थेदारों का अपमान किया है। वल्टोहा ने विश्वासघात किया है और बिना इजाजत के रिकॉर्डिंग की है। उन्होंने हाल पूछने के बहाने धमकी दी है। जिस कारण उन्हें अकाली दल से 24 घंटे के अंदर पार्टी से बाहर निकला जाए।