Vipassana Tests Mental Vitality and Concentration : विपश्यना ना केवल आपकी मानसिक जीवटता और एकाग्रता की परीक्षा लेती है बल्कि आपकी दृढ इच्छाशक्ति की परख भी करती है। इसमें सोने, जागने, ध्यान करने और भोजन का अनुपात भी चुनौतीपूर्ण होता है। विपश्यना ध्यान एकांतवास में किया जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपश्यना करने जा रहे हैं. वह तकरीबन हर साल ये कठिन ध्यान साधना करने जाते हैं. 10 दिनों की विपश्यना साधना को काफी कठिन माना जाता है। केजरीवाल बेंगलुरु और मुंबई केंद्रों पर जाकर ये साधना करते रहे हैं। कुल मिलाकर विपश्यना ध्यान माइंडफुलनेस मेडिटेशन का एक रूप है जो बुद्ध की मूल शिक्षाओं से निकला है. कहा जाता है कि जब ये साधना पूरी दुनिया और खासकर भारत से भी गायब हो गई, लोग इसे भूल गए तो ये म्यांमार (बर्मा) में जारी थी. वहीं से ये भारत आई और अब फिर पूरी दुनिया में फैल रही है. कहा जाता है कि अगर आपने 10 दिनों की ये साधना कर ली तो खुद को शारीरिक और मानसिक स्तर पर कसते हैं बल्कि दोनों स्तर पर खुद को प्युरीफाई करके नई चेतना से लैस भी करते हैं। ये ध्यान विशेषज्ञों द्वारा विपश्यना केंद्रों पर सिखाया जाता है।
क्या है विपश्यना ध्यान का इतिहास
विपश्यना भारत की सबसे पुरानी ध्यान तकनीकों में से एक है. इसकी उत्पत्ति बुद्ध से हुई। उन्होंने इसका उपयोग आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए किया। उसके बाद अपने 60 शिष्यों को विपश्यना तकनीक सिखाई। उन्हें अलग-अलग दिशाओं में भेजा फिर विपश्यना पूरे उत्तर भारत में फैल गई। इसका अभ्यास राजाओं और सम्राटों द्वारा भी किया जाने लगा। 1900 के दशक में म्यांमार में सयागी यू बा खिन ने विपश्यना सीखा। इसे छात्रों को सिखाया। हालांकि इस बीच ये साधना शिक्षा भारत समेत कई देशों से गायब होती चली गई। लोग इसे भूल गए लेकिन ये म्यांमार में जारी रही। ये एक पारंपरिक ध्यान तकनीक है, जो आपको दिमाग पर नियंत्रण पाने की अनुमति देती है। एक बार एकाग्रता (समाधि) में सुधार हो जाता है। जो दिमाग को शुद्ध कर नई अवस्था में ले जाता है।
दोबारा ये शिक्षा भारत में कैसे आई
एस.एन. गोयनका इसे भारत में लेकर आए. उनकी पैदाइश एक भारतीय मारवाड़ी परिवार में बर्मा में हुई। वहीं वह बड़े हुए। वहां वह पारिवारिक व्यापार कर रहे थे लेकिन कुछ बीमारियों से जूझने के दौरान उन्होंने विपश्यना को अपने शिक्षक सयाजी यू बा खिन से सीखा। 14 वर्षों तक इसकी ट्रेनिंग लेने के बाद गोयनका भारत में बस गए। उनके शिक्षक ने उन्हें भारत में विपश्यना सिखाने के लिए प्रेरित किया। गोयनका ने सबसे पहले मुंबई में विपश्यना ध्यान केंद्र खोला। 1982 में उन्होंने विपश्यना पाठ्यक्रमों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की। अब तक तो देश-विदेश में हजारों लाखों लोग इसे सीख कर फायदा ले चुके हैं। मौजूदा जीवन में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है। यह मानसिक बाधाओं को तोड़ने का अभ्यास है।
इसके कोर्स कहां कराए जाते हैं
भारत में विपश्यना के 112 आधिकारिक केंद्र हैं,जबकि 15 अनौपचारिक केंद्र हैं। तकरीबन हर राज्य में इसके केंद्र हैं, जो देश के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक फैले हैं। कुछ राज्यों में इसके एक ही केंद्र हैं तो आबादी के हिसाब से बहुलता वाले कुछ राज्यों में इसके ज्यादा केंद्र भी हैं। जैसे बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 4, गुजरात 9, हरियाणा 4, कर्नाटक 4, मध्य प्रदेश 6, महाराष्ट्र 35, ओडिसा 2, राजस्थान 6, सिक्किम 2, तमिलनाडु 4, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश 12, उत्तर प्रदेश में 6 और पश्चिम बंगाल में 2 केंद्र हैं। 10 दिनों की इस साधना के लिए केंद्रों का चयन https://www.dhamma.org की आधिकारिक साइट पर जाकर कर सकते हैं। वैसे भारत में हर विपश्यना केंद्र की अपनी भी आधिकारिक साइट है, जहां एडवांस तौर पर आप कोर्स के लिए बुकिंग करा सकते हैं। खासकर कारपोरेट सेक्टर में काम करने वाले युवाओं में इसे लेकर काफी क्रेज रहता है।