ख़बरिस्तान नेटवर्क, चंडीगढ़ : भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विजिलेंस की टीम एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। विजिलेंस ने लुधियाना के निर्भय सिंह जो खुद को पत्रकार बताता है उसे रंगे हाथ डॉक्टर से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस ने बताया कि सिविल अस्पताल जगराओं में बतौर मैडीकल अफ़सर (आरथोपीडिक्स) सेवा निभा रहे डॉ. दीपक गोयल ने आरोप लगाया कि जगराओं की काउंके कालोनी के रहने वाले बलजिंदर सिंह नाम के मरीज़ के ईलाज संबंधी 3 व्यक्ति उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे।
डॉ. गोयल ने आगे बताया कि 29 जून 2023 को बलजिन्दर सिंह की टांग पर चोट लगने के कारण उसे सिवल अस्पताल जगराओं में दाखि़ल करवाया गया था। अगले दिन डॉक्टर ने उस (बलजिन्दर) की जांच की और एक्स-रे करवाने के लिए कहा। इस पर बलजिन्दर सिंह ने डॉक्टरी सलाह (लामा) से आधार ही अस्पताल से छुट्टी ले ली।
शिकायतकर्ता डाक्टर ने बताया कि इसके उपरांत बलजिन्दर सिंह कस्बे के एक प्राईवेट अस्पताल, ‘भिवान’ में दाखि़ल हो गया। इसके बाद बलजिन्दर सिंह ने डाक्टर गोयल के विरुद्ध एस. एम. ओ लुधियाना को शिकायत देकर दोष लगाया कि उसका सिवल अस्पताल जगराओं में सही इलाज नहीं हुआ और उस (बलजिन्दर) को जानबूझ कर उक्त डॉक्टर ने अपने रिश्तेदारों की तरफ से चलाए जा रहे निजी अस्पताल में भेज दिया।
विजिलेंस ने आगे बताया कि 5 सितम्बर लुधियाना के गांव गालिब के निर्भय सिंह और गाँव लीलां के मनजीत सिंह ने ख़ुद को पत्रकार बताते हुए शिकायतकर्ता डाक्टर के पास पहुंच की। निर्भय सिंह ने उक्त शिकायतकर्ता डॉक्टर को बताया कि बलजिन्दर सिंह को सिवल अस्पताल में उचित देखभाल नहीं मिली और उसे आपने जानबुझ कर एक प्राईवेट अस्पताल में भेजा है।
उन्होंने एस. एम. ओ लुधियाना के साथ लिहाज़ होने का डरावा दिया और डाक्टर को भरोसा दिया कि वह 1,40, 000 रुपए रिश्वत लेकर शिकायत का निपटारा कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने डाक्टर को धमकाया कि अगर वह यह रकम न दी तो वह उसको झूठे केस में फसा देंगे।
विजिलेंस ने आगे आगे बताया कि निर्भय सिंह ने डाक्टर से 20,000 रुपए रिश्वत पहले ही ले ली थी। इसके बाद गुरूवार को डॉक्टर ने उक्त रिपोर्टर को एक लाख रुपए और देने थे। लेकिन डॉक्टर ने पैसे की माँग कर रहे उक्त दोषियों के साथ हुई बातचीत की ऑडियो रिकार्ड कर ली।
विजिलेंस ने इस पर एक्शन लेते हुए ख़ुद को पत्रकार बताने का दावा करने वाले निर्भय सिंह को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता डॉक्टर गोयल से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुये विजीलैंस ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया गया।