ख़बरिस्तान नेटवर्क, जालंधर (शंकर गुज्जर) : दकोहा फाटक के सामने हर रोज लगने वाले लंबे जाम से निजात दिलाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी और जिला प्रशासन की तरफ से फ्लाईओवर तैयार किया जा रहा है। एक तरफ जहां लोगों की सहूलत के लिए फ्लाईओवर की तैयारी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ नेशनल हाईवे अथॉरिटी और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर फ्लाईओवर की आधी अधूरी लेन को ट्रैफिक के लिए खोल दिया है। जो कि हादसे को निमंत्रण भी दे सकती है।
नहीं संभाला जा रहा ट्रैफिक
वहीं लेन खुलवाने में सबसे बड़ी लापरवाही ट्रैफिक पुलिस के उच्च अधिकारियों की सामने आ रही है। फ्लाईओवर के निर्माण के चलते सर्विस रोड पर वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती थी। जिसे ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को संभालने में दिक्कत परेशानी आ रही थी। लेकिन लोगों की जान को जोखिम में डालते हुए ट्रैफिक पुलिस ने फ्लाई ओवर की बंद पड़ी लेन को वाहनों के लिए खोल दिया है।
20 करोड़ के करीब प्रोजेक्ट की लागत
दकोहा फाटक के ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए वहां पर करीब 20 करोड़ की लागत से NHAI की ओर से एक फ्लाईओवर बनवाया जा रहा है। फ्लाईओवर का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही फ्लाइओवर बनाने वाली कंपनी की ओर से पुल की एक साइड की लाइन को खोल दिया गया है। जिस पर से हर रोज बड़े-बड़े वाहन गुजर रहे हैं। ऐसे में वहां पर कोई बड़ा हादसा होने का डर बना रहता है।
काम ख़त्म होने में अभी 2 महीने का समय लगेगा- साईट इंचार्ज
इस बारे में जब फ्लाईओवर के साइट इंचार्ज अंग्रेज (कच्चा नाम) से बात की तो उसका कहना है कि वहां पर ट्रैफिक की काफी ज्यादा समस्या रहती थी। जिसे नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से पुल की एक लाइन को खोल दिया गया है। फ्लाइओवर कि अभी लेबलिंग, सरिया डालने, पुल पर सड़क बनाने का काम अभी बाकी है। इस सारे काम को पुरा करने में करीब 2 महीने का समय लग सकता है।
पुल बनाने वाली कंपनी के मालिक ने धारी चूपी
पुल को बनाने वाली कंपनी का मालिक भी मौके पर ही मौजूद था। इस बारे में जब कंपनी के मालिक से बात करने की कोशिश की गई तो उसने बात करने से मना कर दिया।
ट्रेफिक पुलिस व NHAI ने मिलाकर पुल की साइड लाइन खोली
इस बारे में जब ट्रैफिक पुलिस ACP. AD सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि NHAI और ट्रैफिक पुलिस के आपसी सहयोग से ही पुल की साइड लाइन को खोला गया है, क्योंकि वहां पर अक्सर ट्रैफिक की समस्या रहती थी। गाड़ी की कतार पीएपी चौंक तक पहुंच जाती थी।
कोई दुर्घटना होती है तो कौन जिम्मेदार
अब यहां पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि पुल को पूरी तरह बनने से पहले ही उसे शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अगर वहां पर कोई बड़ा हादसा होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।